साधु- संतों की आस्था को ठेस पहुंची
पं. प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी पर टिप्पणी के बाद अब दुनिया को श्रीरामचरितमानस के रूप में आचार संहिता देने वाले गोस्वामी तुलसीदास को गंवार कह दिया। इससे जनता व साधु- संतों की आस्था को ठेस पहुंची है। इस बड़बोलेपन पर उज्जैन के मौन तीर्थ आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी सुमनानंद गिरि महाराज ने कहा-वे राधा रसिकों के साथ रामानंदियों से भी माफी मांगे। कार्रवाई के लिए पुलिस को आवेदन भी दिया है। मिश्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर आया है। इसमें वे कह रहे हैं ‘हमको कुछ नहीं आता, हम तुलसीदास की तरह गंवार हैं।’ पीठाधीश्वर ने कहा, मिश्रा व्यास पीठ पर बैठने योग्य नहीं हैं।पहले करें मंथन, तब ले न्यायसंगत फैसले
-तुलसीदास गंवार नहीं थे, श्रीरामचरितमानस जैसा महान ग्रंथ लिखा।-कहते हैं, श्रीरामचरितमानस को काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव की मान्यता मिली थी।
-पं. मिश्रा टोटकाचार्य हो सकते हैं, लेकिन तुलसीदास की तरह अत्यंत विनम्र संत नहीं।
-जिस शिवमहापुराण का सहारा लेकर वे लोगों को टोटके बताते हैं, उसका उल्लेख पुराण में नहीं।