पीडि़त ने बताया कि उसके बेटे का आयुषमान कार्ड भी बना है। जिसमें 5 लाख रुपए तक का इलाज हो सकता है, लेकिन नहीं किया जा रहा है। जितना हो सकता था उधार रुपए लेकर बेटे का इलाज कराया है। इतने रुपए भी नहीं हंै कि आगे बेटे का ठीक से इलाज करा सकूं। सही इलाज नहीं मिलने से उसकी हालत खराब होती जा रही है।
कलेक्टर के निर्देश पर कलेक्ट्रेट में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने पीडि़त की समस्या को सुना। उसकी समस्या दर्ज करने के बाद एंबुलेंस बुलाकर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। अस्पताल ले जाने से पूर्व कलेक्ट्रेटमें मौजूद कई लोग पीडि़त की मदद के लिए कई आगे आए और राशि प्रदान की।
-हमारी तरफ से मरीज को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है। यहां उसका इलाज किया जाएगा।पीडि़त को पहले सहायता राशि मिल चुकी है। इसके बाद भी किसी योजना में राशि मिल सकती है तो उसका प्रयास कर मुहैया कराई जाएगी। – डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ सीहोर
विधायक ने एंबुलेंस बुलाकर की घायलों की मदद
सीहोर. भोपाल-इंदौर हाइवे पर मंगलवार सुबह के समय एक बस हादसे का शिकार हो गई।उसमें घायल हुए लोगों को दर्द से तड़पता देख सीहोर विधायक सुदेश राय मदद के लिए आगे आए।उन्होंने घटना स्थल से ही एंबुलेंस को सूचना देकर बुलाया और घायलों को अस्पताल भिजवाया। जानकारी के अनुसार फंदा टोल के पास एक बस पलट गई थी।जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान सीहोर विधायक विधानसभा भोपाल जा रहे थे।जब उन्होंने यह घटना देखी तो तत्काल वाहन को रूककवार मानवता का परिचय देकर मदद के लिए आगे आए।विधायक ने एंबुलेंस बुलाकर घायलों को अस्पताल भिजवाया।वहीं भोपाल एसडीएम राजकुमार खत्री को भी सूचना देकर मौके पर बुलाया।घायलों के अस्पताल पहुंचने के बाद ही विधायक आगे के लिए रवाना हुए।
मां दवाई लेकर सो गई, बेटी ने फंदा डालकर की आत्महत्या
सीहोर. मां के दवाई लेने के बाद सोते ही एक बेटी ने घर में फंदा डालकर मौत को गले लगा दिया। सुबह जब मां ने उसे फं दे पर झुलता हुआ देखा तो उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारा और पीएम के लिए अस्पताल लेकर आए। कोतवाली टीआई संध्या मिश्रा ने बताया कि वंशकार मोहल्ला गंज निवासी प्रियंका (21) पिता तुलाराम राठौर अपनी मां सुनीता के साथ रहती थी। सोमवार-मंगलवार की रात सुनीता बाई दवाई लेकर सो गई थी। इसी बीच प्रियंका ने अज्ञात कारणों के चलते घर में पाइप से फांसी का फंदा डालकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह सुनीता ने जब उसे लटका देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस शव को नीचे उतार पीएम के लिए अस्पताल लेकर आई।
पुलिस की माने तो प्रियंका कुछ महीने पहले मोबाइल शॉप पर काम करती थी। पिछले दो महीने से घर ही थी। बताया जा रहा है कि उसकी मां की दीमागी हालत ठीक नहीं होने के साथ ही घर की आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। वहीं उसके पिता भी पिछले कई साल से बाहर रह रहे हैं। टीआई ने बताया कि युवती के फांसी लगाने के मामले की जांच चल रही है। जांच में जो भी निकलकर सामने आएगा, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।