वैज्ञानिकों को पहले ऐसे संकेत मिले थे कि जो लोग अंतरिक्ष में समय बीता कर आते है उनके शुक्राणुओं पर बुरा असर पड़ता है। यहां तक चूहे के शुक्राणुओं को एक सुरक्षित जगह पर जब 9 महीने तक वहां रखा गया तो उनमें भी विकिरण से हुआ नुकसान दिखाई पड़ा। इसी तरह 13 दिन तक कक्षा में बिताने वाले चूहों में शुक्राणुओं की संख्या ही कम हो गई। नई रिसर्च करने के लिये 12 चूहों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में 35 दिन तक रखा गया। उनके लिए खास डिजाइन के पिंजरे बनवाए गए थे। कुछ चूहों ने माइक्रोग्रैविटी में भारहीनता का भी अनुभव किया जबकि बाकी चूहे उन पिंजरों में ही रहे जिनमें कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण की व्यवस्था थी।
पृथ्वी पर वापस लौटने के बाद रिसर्चरों ने इन चूहों के शुक्राणुओं को ऐसी चुहिया के अंडाणु के साथ निषेचित किया जो कभी अंतरिक्ष में नहीं गईं थी वैज्ञानिकों ने देखा कि अंतरिक्ष में घूम चुके चूहों से स्वस्थ बच्चे पैदा हुए। इसके बाद रिसर्च की एक टीम नें अंतरिक्ष यात्रा करने वाले चूहों के प्रजनन अंगों का भी निरीक्षण किया । तो पाया कि बच्चों में उनके मां बाप को हुए नुकसान का कोई चिन्ह नहीं था। जिसके बाद से साइंटिस्ट इस नतीजे पर पहुचे है कि साइंटिफिक कि कम समय के लिए अंतरिक्ष में रहने से नर प्रजनन अंगों की शारीरिक गतिविधियों, शुक्राणुओं के कामकाज और बच्चों की जीवनक्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता।”
मेडिकल रिसर्च इससे पहले भी दावा कर चुका है कि अंतरिक्ष यात्रा में जाने वालों को शरीर पर कई प्रकार के नकारात्मक असर देखने को भी मिले है, इसमें मांसपेशियों और बोन मास की क्षति के साथ ही कोशिकाओं में बदलाव होता है। जिसका सबसे बड़ा कारण होता है विकिरण के संपर्क में आना । रिसर्चों में कुछ और जीवों के प्रजनन तंत्र पर होने वाले असर को देखा गया है। हालांकि नई स्टडी में पहली बार अंतरिक्ष यात्रा के असर का आणविक स्तर पर परीक्षण किया गया है।
वैसे यह रिसर्च पर अभी काम चल रहा है। इसलिये जरूरी नहीं कि यह बता सके कि इंसान के प्रजनन तंत्र या फिर चुहिया के प्रजनन तंत्र पर इसका क्या असर होता है। रिसर्चरों का कहना है कि वो पता लगाना चाहते हैं कि अंतरिक्ष यात्रा का असर हार्मोन और जीन के स्तर पर कैसा होता है खासतौर से प्रजनन तंत्र में। रिसर्च में कहा गया है कि वह युग आ रहा है जब लोग आसानी से अंतरिक्ष में जा सकेंगे। ऐसे में हम पूराी तरह से तैयार रहे कि अगली पीढ़ी में आने वाले अवांछित असर को रोका जा सके।