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नई दिल्ली

एचआइवी पॉजिटिव लोगों के बीच किडनी ट्रांसप्लांट सुरक्षित

शोध में दावा- अंग किसी भी इंसान का हो, परिणाम लगभग समान

नई दिल्लीOct 18, 2024 / 12:20 am

ANUJ SHARMA

लंदन. अमरीका में एक शोध में साबित किया गया है कि एचआइवी से संक्रमित लोगों के अंग अन्य एचआइवी संक्रमित लोगों को लगाए जा सकते हैं। दुनियाभर में अंगदान करने वालों की कमी और प्रत्यारोपण के लिए अंगों की किल्लत के कारण यह फायदेमंद हो सकता है।न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे शोध में बताया गया कि अमरीका में किडनी प्रत्यारोपण के 198 मामलों के विश्लेषण में शोधकर्ताओं ने पाया कि किडनी चाहे एचआइवी संक्रमित व्यक्ति से आई हो या गैर-एचआइवी संक्रमित व्यक्ति से, परिणाम लगभग समान रहे। शोध में ऐसे लोगों पर परीक्षण किया गया, जो एचआइवी पॉजिटिव थे। उनकी किडनी काम करना बंद कर चुकी थी। एक समूह में एचआइवी पॉजिटिव और दूसरे में एचआइवी नेगेटिव मृतक दाता से मिली किडनी प्रत्यारोपित की गई। शोधकर्ताओं ने चार साल तक निगरानी की। दोनों समूहों में जीवित रहने और शरीर द्वारा अंग स्वीकारने की दर समान थी।
दोनों समूहों में घट गया वायरस का स्तर

शोध के दौरान एचआइवी पॉजिटिव दाता समूह के 13 और दूसरे समूह के चार रोगियों में वायरस का स्तर बढ़ा। इनमें से ज्यादातर ने नियमित रूप से एचआइवी की दवाएं नहीं ली थीं। सभी मामलों में वायरस का स्तर कुछ समय बाद घट गया। शोध के सह-लेखक डॉ. डोरी सेगव का कहना है कि इससे ट्रांसप्लांट की सुरक्षा और शानदार परिणामों की पुष्टि होती है।
जल्द अंग मिलने की संभावना बढ़ेगी

इंडियाना यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र की प्रोफेसर कैरी फूट ने कहा कि एचआइवी संक्रमित लोगों को अंग दान करने से हतोत्साहित किया जाता है। शोध के नतीजों से अंग जल्द मिलने की संभावना बढ़ेगी। फूट खुद एचआइवी पॉजिटिव और पंजीकृत अंगदाता हैं। उन्होंने कहा, हम न सिर्फ एचआइवी लोगों की मदद कर सकते हैं, बल्कि पूरे अंग पूल में और ज्यादा अंग उपलब्ध करवा सकते हैं।

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