यह विशेष उपलब्धि हासिल की है भरतवंशी डॉक्टरों ने। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के वैज्ञानिकों ने शरीर के अंदर कोशिकाओं में बहने वाली बिजली को नापने का नायाब तरीका खोज निकाला है। नई खोज में वैज्ञानिक कोशिकाओं के गहराई में जाकर शरीर के अलग-अलग हिस्सों से निकलने वाली बिजली को भी माप सकते हैं। इसके अलावा इस खोज के माधयम से वैज्ञानिक यह भी पता लगा सकते हैं कि शरीर के किस अंग को किस काम के लिए कितनी बिजली की आवश्यक्ता हो रही है।
एक प्रतिष्ठित साइंस मैग्जीन में छपी रिपोर्ट की माने तो यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के ग्रैजुएट स्टूडेंट आनंद समिनाथन के हवाले से यह बताया गया है कि ज्यादातर वैज्ञानिक कोशिकाओं के अंदर माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में ही जानते हैं। आपको बतादें वैज्ञानिक माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिकाओं का पावर हाउस मानते हैं। लेकिन खोज में यह बात सामने आई है कि कोशिकाओं में ऐसी झिल्लियां यानी मेंब्रेन होती हैं जो विद्युत उत्पादन और ट्रांसमिशन में काफी मददगार होती हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के द कृष्णन लैब में रिसर्चर्स ने इतने छोटे सेंसर्स बनाए हैं जो कोशिकाओं के अंदर प्रवेश कर एक स्थान से दूसरे स्थान जा सकती । इतना ही नहीं ये सेंसर्स यात्रा के दौरान यह भी पता सगा सकते हैं कि कोशिकाओं के अंदर के हिस्से कितनी बिजली का उपयोग करते हैं, और कितना उत्पादन कर रहे हैं।
इस स्टडी के दौरान जो बातें सामने आईं उनके मुताबिक न्यूरॉन्स यानी तंत्रिका कोशिकाओं के अंदर एक झिल्ली होती है जो प्रोटीन से बनी होती हैं। इन्हें आयन चैनल्स (Ion Channels) बोला जाता है। इनका उपयोग एक दरवाजे की तरह होता है। जिसके अंदर से चार्ज्ड आयन्स अंदर या बाहर आते-जाते हैं। ये आयन चैनल्स किसी भी न्यूरॉन्स के लिए बेहद आवश्यक माने गए हैं।
जो नई खोज हुई है जिसकी मदद से शरीर में मौजूद विद्युत को मापा जा सकता है उसे नाम दिया वोल्टेयर (Voltair)। जो एक तरीके का वोल्टमीटर है जो कोशिकाओं के विभिन्न हिस्सों में मौजूद वोल्टेज के अंतर को मापने में सक्षम है। और वोल्टेयर (Voltair) को डीएनए से बनाया गया है।