अब रोबोट रखेंगे स्कूल के बच्चों की बदमाशियों पर निगरानी ….वैज्ञानिकों तैयार की नई तकनीक
नई दिल्ली। जब भी बच्चे स्कूल ( School ) में झगड़ा या मारपीट करते हैं, क्लास के दूसरे बच्चों पर भी इसका गलत असर पड़ता है। ऐसे बच्चों को टीचर सजा भी देते हैं। लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा। आपको बता दें, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो स्टूडेंट के बीच के आपसी झगड़ों को सुलझाएगा। ये रोबोट जापान के स्कूलों में लगाया जाएगा ताकि बच्चों की बदमाशियों पर रोक लगाई जा सके।
रोबोट हल करेगा बच्चों के झगड़े जानकारी के अनुसार- यह रोबोट स्कूल में बच्चों के आपसी झगड़े, बहस और बदमाशियों जैसे संकेत आसानी से पहचान सकेगा। इससे पहले कि बच्चों में झगड़ा और ज्यादा बढ़े, उससे पहले ही रोबोट उनके बीच के मनमुटाव को रोक देगा। स्कूल के टीचर्स को भी इससे काफी मदद मिलेगी और उनका पूरा ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर रहेगा।
इसी महीने से रोबोटों की होगी तैनाती जानकारी के मुताबिक जापान( japan ) के पश्चिमी प्रांत ओत्सु में इसी महीने से इन रोबोटों की तैनाती शुरू हो गई है। गौर हो कि बीते साल जापान के स्कूलों में बच्चों के बीच आपसी झगड़े तकरीबन चार लाख से अधिक बढ़ गए थे। जिसके कारण दस बच्चों ने आत्महत्या कर ली थी। इसी वजह से सरकार को इस बारे में तुरंत फैसला लेना पड़ा।
आपसी झगड़ें से हुई 13 साल के बच्चे की मौत वहीं एक मामला जापान के ओत्सु में 2011 का है। जिसमें 13 साल के एक बच्चे ने आत्महत्या कर ली थी। इसपर ओत्सु शिक्षा बोर्ड ने कहा था कि बच्चे की आत्महत्या का कारण पारिवारिक तनाव है। लेकिन मामले की दो साल तक जांच चली तो पता चला कि उसने आत्महत्या स्कूली झगड़े के डर से की थी।
इसी महीने से रोबोटों की होगी तैनाती जानकारी के मुताबिक जापान के पश्चिमी प्रांत ओत्सु में इसी महीने से इन रोबोटों की तैनाती शुरू हो गई है। गौर हो कि बीते साल जापान के स्कूलों में बच्चों के बीच आपसी झगड़े तकरीबन चार लाख से अधिक बढ़ गए थे। जिसके कारण दस बच्चों ने आत्महत्या कर ली थी। इसी वजह से सरकार को इस बारे में तुरंत फैसला लेना पड़ा।
पुलिस ने आत्महत्या करने वाले बच्चे के मामले में बताया कि बच्चे को आत्महत्या के लिए उकसाया गया था। इतना ही नहीं उस बच्चे को कुछ शरारती बच्चों ने मरी हुई मक्खी खाने के लिए मजबूर कर दिया था। उसका गला घोंटा गया और उसकी कॉपी तक फाड़ दी गई थी। जिसके बाद सरकार ने 2013 में एक कानून बनाय, जिसमें कहा गया कि स्कूल परिसर में होने वाले किसी भी झगड़े को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट किया जाए।
कानून ने उठाया कड़ा कदम मामले को देखते हुए जापान के सभी स्कूलों में इस कानून को लागू कर दिया गया। रोबोट की तैनाती के पीछे की एक वजह अध्यापकों का कम अनुभवी होना भी है। जिसके कारण वह बच्चों के इरादों को भांप नहीं पाते। लेकिन रोबोट इन संकेतों को भांप लेगा और झगड़ा बढ़ने से पहले ही उसे रोक देगा। जब रोबोट का बच्चों के साथ परिक्षण किया गया तो पाया कि रोबोट ने बहस और मारपीट की घटना को तुरंत पहचान लिया। साथ ही उसने अध्यापक को आगाह भी किया।