नासा के अधिकारियों ने इस अभियान की पुष्टि करते हुए कहा है कि नासा इस अभियान से जुड़ी अंतिम तैयारियों को रूप दे रहा है। नासा के अधिकारी सूर्य से निकलने वाली तेज किरणों और उनसे पैदा होने वाली सौर आंधी पर शोध करना चाहते हैं। यह अंतरिक्ष यान छह अगस्त को ‘यूनाइटेड लॉन्च अलायंस डेल्टा-4 हैवी’ में सवार होकर उड़ान भरेगा।
कहा जा रहा है कि ये यान एक कार की तरह होगा। इसे ‘पार्कर सोलर प्रोब’ का नाम दिया गया है। अंतरिक्ष यान को फ्लोरिडा के और नासा इसके लॉन्च होने से लेकर हर पल पर अपनी नजर रखेगा।
नासा का कहना है कि वो सूर्य को लेकर बुनियादी सवालों का जवाब चाहती है। वो सौर मंडल में सबसे ताकतवर इस ग्रह को करीब से जानना चाहता है और इसलिए ऐसा पहली बार होगा जब धरती से इंसान द्वारा बनाया गया कोई ऑबजेक्ट सूर्य के इतना करीब जाएगा।
इतना ज्यादा तापमान कैसे झेल पाएगा अंतरिक्ष यान
मिशन से जुड़ी वैज्ञानिक निकोला फॉक्स ने बताया कि ‘पार्कर सोलर प्रोब’ को गर्मी और रेडिएशन सेल बचाने के लिए उसमें कार्बन की बनी हीट शील्ड लगाई गई हैं, जो इसके उपकरणों को गर्म से गर्म तापमान में भी 29 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रख सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सूर्य के इतना करीब अंतरिक्षयान को 1370 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान झेलना पड़ सकता है। कहा जा रहा है कि नासा का ये यान अंतरिक्ष में सात लाख किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गति भरेगा। इतनी तेज रफ्तार में धरती पर दिल्ली से मुंबई की दूरी महज सात सेकेंड में मापी जा सकती है।