नई दिल्ली। वैज्ञानिक अक्सर शोध के लिए अंतरिक्ष में उपग्रह (Satellite) भेजते है। इसे कंट्रोल करने के लिए वहां स्पेस स्टेशन भी हैं, लेकिन पृथ्वी से दूरी ज्यादा होने के चलते हमें ये खुली आंखों से दिखाई नहीं देते हैं। मगर बीते शाम शिमला से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International space station) को देखा गया। खुले आसमान में ये एक चमकीले तारे के जैसा चमकदता हुआ दिखाई दिया।
धरती पर मिले 57 करोड़ साल पुराने जीवाश्म, लावे ने तबाह कर दी थी जिंदगी मौसम साफ होने की वजह से लोगों ने शिमला (Shimla) से 400 किमोमीटर ऊपर लोगों को स्पेस स्टेशन दिखाई दिया। लोगों ने इसे उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर तेजी से दौड़ते हुए देखा। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह छह फरवरी से नजर आ रहा था। 8 फरवरी को यह स्पेस स्टेशन 7:20 मिनट पर पश्मिोत्तर में निकलता दिखा। इसके बाद यह दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में 31 डिग्री में जाकर छिप गया।
9 फरवरी को यह स्टेशन 6:32 मिनट से उत्तर-पश्चिम दिखेगा। लोग इसे छह मिनट तक देख सकेंगे। यह पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा में देखा जा सकेगा। 10 फरवरी को यह सात बजकर 24 मिनट पर दक्षिण-पश्चिम में 17 डिग्री पर दिखेगा। मालूम हो कि स्पेस स्टेशन में रूस और अमेरिका (America) के छह वैज्ञानिकों के दल का नेतृत्व रूस के रॉसकोसमॉस के कमांडर नेविनोमिस्क कर रहे हैं। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस से इसमें दो अन्य फ्लाइट इंजीनियर एंद्रेई बागकिन, निकोलाई थिकॉनोव भी शामिल हैंं। नासा से फ्लाइट इंजीनियर एंड्रयू मॉरगन, क्रिस कैसिडी और महिला फ्लाइट इंजीनियर जेसिका मेयर भी इस दल में हैं।