कृत्रिम बुद्धिमत्ता से पहचानेंगे व्यंग्य
लेकिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित अकुला का बनाया यह डिटेक्टर तार्किक डेटा विश्लेषण और प्रतिक्रिया की गहराई से जांच करती है। भावना का सटीक विश्लेषण ही सोशल मीडिया पर भावनात्मक संचार को सही ढंग से पहचानने में मदद करता है। राम्या अकुला का कहना है कि, बातचीत में छिपे व्यंग्य को पहचान पाना हमेशा आसान नहीं होता है। इसलिए किसी कम्प्यूटर प्रोग्राम के लिए भी यह आसान काम नहीं है। हमने कम्प्यूटर मॉडल को ऐसे पैटर्न खोजने के लिए प्रशिक्षित किया है जो अक्सर कटाक्ष या तानों का संकेत देते हैं।
सही पैटर्न पहचान लगाता पता
एआइ प्रोग्राम को उन खास शब्दों और उससे जुड़े पैटर्न को सही ढंग से पहचाने में मदद करता है, जिनमें व्यंग्य के प्रदर्शित होने का सबसे ज्यादा अंदेशा हो। इसके लिए विभिन्न सोशल मीडिया पोस्ट के विशाल डेटा की मदद ली गई है और फिर इसकी सटीकता की जांच की गई है। रम्या का कहना है कि, ‘आमने-सामने की बातचीत में, चेहरे के हावभाव और वक्ता के स्वर का उपयोग करके व्यंग्य को सहजता से पहचाना जा सकता है। लेकिन टेक्स्ट मैसेज में ऐसा संभव नहीं, क्योंकि इनमें से कोई भी संकेत आसानी से उपलब्ध नहीं है।’