नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के अध्यक्ष ने कहा है कि ‘मिशन शक्ति’ (mission shakti )की सफलता से भारत की प्रौद्योगिकी क्षमता सामने आई है। इस उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण से भारत भविष्य में अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी आगे बढ़ेगा।
विज्ञान से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी …जिस के बारें में नहीं जानते होंगे आप वह एएसआई (एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया ) की ओर से आयोजित प्रौद्योगिकी क्षमता और अंतरिक्ष ( space ) प्रकाशग्रह विषय पर हुए कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके सॉफ्टवेयर और संवेदी उपकरण सहित महत्पूर्ण प्रणालियां अलग-अलग क्षेत्रों में महारत वाले वैज्ञानिकों की ओर से विकसित की गई थीं।
बता दें कि एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने जारी एक बयान में कहा गया है कि 27 मार्च को जब इस मिशन को पूरा किया गया था, तब चुनौती यह थी कि सभी चीजें लगातार बदलते आयाम में सुचारु ढंग से निर्णायक रूप से काम करें।
महज एक टेस्ट से लग जाएगा कैंसर का पता, वैज्ञानिकों ने निकाली ऐसी खास तरकीब बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम के निदेशक (क्षेत्र-रक्षा) यू राजाबाबू ने मिशन शक्ति के उद्देश्यों और जोखिमों के बारे में बताया। कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत और अंतरिक्ष विज्ञान के करीब 500 वैज्ञानिक, अकादमिक विद्वान, अभियंता, उद्योगपति और पेशेवर मौजूद थे।