शोधकर्ताओं ने पाया कि अपोफिस सूर्य की रोशनी में गरम हो रहा है। जिसके चलते विध्वंस का खतरा और बढ़ गया है। इसके धरती से टकराने पर भयंकर परिणाम हो सकते हैं। नासा ने भी इस ऐस्टरॉइड को तीसरा सबसे बड़ा खतरा बताया है। उनके अनुसार अगले 48 साल में ऐस्टरॉइड के धरती से टकराने की संभावना है। अपोफिस ऐस्टरॉइड की खोज एरिजोना की वेधशाला ने 19 जून, 2004 को की थी। तब से वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं।
अपोफिस फ्रांस के एफिल टावर से आकार में बड़ा है। यह ऐस्टरॉइड अगर केवल ठीक-ठीक दूरी से गुजरता है तो पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति इसका रास्ता बदल देगी और यह वर्ष 2068 में वापस आएगा और पृथ्वी से टकरा सकता है। इसके टकराने पर 88 करोड़ टन TNT के विस्फोट के बराबर असर होगा। यह उल्कापिंड निकेल और लोहे से बना है। इसकी लंबाई लगातार बढ़ रही है। अब इसका आकार मूंगफली की तरह होता जा रहा है।