कुल बारह अतंरिक्ष ( space ) यात्री चांद पर उतरे थे। लेकिन उन्होंने वहां पर 96 बैग को छोड़ दिया था। जिनमें मल-मूत्र और अन्य कचरा था। हालांकि अंतरिक्ष यात्रियों ने स्पेस में कुद दिन से ज्यादा नहीं गुजारे हैं। नासा ने उन्हें इस तौर पर भेजा था कि वे अपने अपशिष्ट को स्पेस में छोड़ने की जरूरत न पड़े। इसके लिए नासा ने आतंरिक्ष में जाने वाले यात्रियों के लिए कुछ अलग तरह के सूट तैयार किए थे जिनमें डायपर भी था।
मगर अंतरिक्ष यात्रियों को अपने अपशिष्ट चांद पर ही छोड़ कर आना पड़ा था।दरअसल इस मिशन को इस तरह डिजाइन किया गया था कि स्पेसक्राफ्ट पर निश्चित वजन ही हो सकता था। थोड़ा भी ज्यादा वजन होने से स्पेस क्राफ्ट और अंतरिक्ष यात्रियों की जिंदगी को खतरा था। ऐसे में वे अपने पीछे काफी गंदगी और दूसरी चीज छोड़ आए ताकि चांद की मिट्टी और चंद के पत्थरों को अपने साथ ले जा सकें।
जब अमेरिका के ट्रंप सत्ता में आए तब उन्होंने नासा को चांद पर जाने के मिशन को तेज कर दिया था और 2024 में दोबारा से चांद की सतह पर जाने का एलान किया है। जिससे बैग को अंतरिक्ष से वापस लाया जा सके।