टी-58 के होने की संभावना
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान फलौदी रेंज के उक्त वन क्षेत्र व आसपास के क्षेत्र में बाघ टी-58 यानी रॉकी का मूवमेंट रहता है। ऐसे में इस बाघ के टी-58 होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस इलाके के समीप खेतों के पास बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। एहतियात के तौर पर ग्रामीणों से उस क्षेत्र में नहीं जाने का आह्वान किया गया है।मानसून शुरू होते ही रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व का खूबसूरत नजारा, देखते ही कहेंगे वाह!
पहले भी आबादी की ओर आ चुके हैं बाघ- बाघिन
यह कोई पहला मौका नहीं है, जब रणथम्भौर बाघ परियोजना से बाहर निकलकर कोई बाघ या बाघिन आबादी क्षेत्र के नजदीक पहुंचा है। पूर्व में रणथभौर की खण्डार रेंज में बाघिन टी-60 का एक शावक जंगल से निकलकर फरिया गांव के एक आंगनबाड़ी केन्द्र के पास आ गया था। इसके बाद वन विभाग ने आंगनबाड़ी केन्द्र को खाली कराया था।रणथम्भौर में हुई इलाके को लेकर जंग, बाघिन एरोहैड घायल
इनका कहना है…
हिन्दवाड़ गांव के समीप बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। वन विभाग की टीम बाघ की ट्रेकिंग व मॉनिटरिंग कर रही है। बाघ के टी-58 होने की संभावना है।विष्णु गुप्ता, क्षेत्रीय वनाधिकारी, फलौदी।