कार्रवाई के लिए बनाई कमेटी
नगरपरिषद से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी पट्टे जारी करने का मामला उजागर होने के बाद आयुक्त के नेतृत्व में कमेटी बनाई है। इसमें आयुक्त, एटीपी, जेएलओ आदि शामिल है। यह सभी फर्जी पट्टे के दस्तावेज की जांच करने में जुटे हैं। उधर, मामले की गहनता से जांच के बाद और भी कई फर्जी पट्टे जारी करने के मामले सामने आने की संभावना है।आयुक्त के नेतृत्व में कमेटी गठित कर रही जांच
गत दिनों नगरपरिषद बोर्ड की हुई बैठक में भी नगरपरिषद में फर्जी पट्टे सहित कई मुद्दों को लेकर पार्षदों ने मामले उठाए थे। इस दौरान विधायक डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने नगरपरिषद को भ्रष्टाचार मुक्त करने की बात कही थी। इसके बाद सभापति ने फर्जी पट्टों के लिए जांच कमेटी का गठन किया है। ऐसे में पूर्व में हुए फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है।फर्जी पट्टों से 10 करोड़ तक होता नुकसान
नगरपरिषद की ओर से जारी किए गए 33 फर्जी पट्टों के मामले का खुलासा समय पर नहीं होता तो परिषद को करीब दस करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता। 33 पट्टों को निरस्त करने के साथ ही पट्टाधारकों को 73ख के नोटिस जारी किए थे।इनका कहना है…
पूर्व में नगरपरिषद के तत्कालीन आयुक्त व सभापति ने यूआईटी, पीडब्ल्यूडी व नगरपरिषद की जमीनों पर 183 पट्टे जारी किए थे। इसकी जांच के दौरान 33 पट्टे फर्जी निकले है। पट्टाधारकों को 73ख के तहत नोटिस जारी कर दिए है। सभी को सात दिन में अपनी आपत्ति दर्ज करवाकर दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए है।- सुनील तिलकर, सभापति, नगरपरिषद, सवाईमाधोपुर