हो चुके हैं कई हादसे
सबसे सुरक्षित माने जाने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर हादसों में करीब सवा सौ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें सवाईमाधोपुर जिले में चार माह पहले शुरू किए एक्सप्रेस-वे पर बौंली थाना क्षेत्र में 5 मई को वैन में सवार 6 जनों की मौत हो गई थी। वहीं इसी वर्ष फरवरी माह में अलवर जिले की सीमा में एक्सप्रेस-वे पर सांड आ जाने से चार कारों की भिड़ंत हो गई थी। इनमें से एक कार पलट गई थी। हादसों में चार कारों में सवार 10 लोग घायल हुए थे। इनमें एक कार चालक सवाईमाधोपुर का निवासी था। एक्सप्रेस-वे पर 17 मई को भांडारेज मोड के समीप पिलर संख्या 182 पर अचानक सड़क धंसने से 10 फीट गहरा गड्ढा हो गया था। वहीं 21 मई को लालसोट क्षेत्र में बड़ का पाड़ा इंटरचेंज पर गेहूं के कट्टों से भरा एक ट्रेलर पलट गया था। बारिश से निकली सड़क के नीचे से मिट्टी, जगह-जगह दरारें
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य के चलते कई जगह सड़क धंस चुकी है और इसमें दरारें आई हुई हैं। वहीं बारिश से सड़क की पुलिया के नीचे से मिट्टी निकलने से यह खोखली हो रही हैं। इसके चलते कुछ जगह गहरे गड्ढे भी है। सड़क पर बांयी तरफ चलना तो खतरे से खाली नहीं है।
मरम्मत के नाम पर भी खानापूर्ति
सड़क पर जगह-जगह गड्ढे होने के बाद वर्तमान में एनएचएआइ यहां मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति करने में लगा है। वास्तविकता यह है कि यहां जो गड्ढे स्पष्ट दिख रहे हैं, बस वहीं भरे जा रहे हैं।