आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश में ये मामला सतना जिले की सबसे बड़ी पंचायत रहकवरा में सामने आया है। रहकवरा पंचायत नागौद तहसील के अंतर्गत आती है, जहां के 55 ग्रामीणों ने सतना कलेक्ट्रेट में बीते 18 अक्टूबर को जनसुनवाई के दौरान मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। उनके नाम पर स्वीकृति आवास की राशि बगैर आवास बने ही किसी और खाते से निकाल ली गई है। 55 ग्रामीणों के आवास की राशि 1 लाख 20 हजार के हिसाब से 66 लाख की राशि का घोटाला सामने आया है। सरकारी दस्तावेज में ही बने पीएम आवास बड़े स्कैम की ओर इशारा कर रहा है। जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि, जिसके आधार पर की गई जांच ने अब जिला प्रशासन के ही होश उड़ा दिये हैं। फिलहाल कलेक्टर के आदेश पर मामले की कड़ी जांच की जा रही है।
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अब तक की जांच में इनपर गिरी गाज
आपको बता दें कि, अबतक हुई जांच में जिला पंचायत सीईओ ने गांव के पूर्व सरपंच बलवेंद्र प्रताप सिंह, पंचायत समन्वयक अधिकारी राजेश्वर कुजूर के अलावा जीआरएस बृजकिशोर कुशवाहा के खिलाफ नागौद थाना में 420, 409 एवं 34 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीबद्ध किया है। यह एफआईआर खंड पंचायत अधिकारी विजयेंद्र प्रताप सिंह ने जिला पंचायत के सीईओ डॉ परीक्षित राव झाड़े की मौजूदगी में कराई है।
रहिकवारा गांव में बने सभी पीएम आवास जांच के दायरे में आए
मामले पर गौर करें तो रहिकवारा में व्यापक पैमाने पर पीएम आवास घोटाले कि शिकायते सामने आयी थी। आवासों की जांच के लिए सीईओ ने 10 टीमें गठित की गई हैं। इस तरह अब रहिकवारा गांव में बने सभी 653 पीएम आवासों का निर्माण जांच के दायरे में आ गया है।
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