अमरपाटन एटीएम बूथ में गुरुवार की रात चोरों ने जिस तरीके से एटीएम में पट्टा बांध कर झटका देकर मशीन को खींचकर बाहर निकाला और 4 क्विंटल कैश बॉक्स को पट्टे में बांध कर घसीटते हुए लेकर गए, यह घटना पूरी तरह से हालीवुड की मशहूर एक्शन मूवी फास्ट एंड फ्यूरियस की चौथी श्रृंखला की नकल है। फिल्म में भी अपराधी इसी तरह से कैश बाक्स को तोड़ते हैं और कार से बांध कर घसीटते हुए ले जाते हैं। ऐसे में यह माना जा रहा कि अपराधियों ने एटीएम कैश बाक्स को इस तरह से चोरी करने की तकनीक इसी फिल्म से सीखी है।
देश में फास्ट एंड फ्यूरियस फिल्म से प्रेरित होकर एटीएम चोरी करने का पहला मामला महाराष्ट्र के पुणे में जनवरी 2018 में सामने आया था। इसका खुलासा कोंढवा पुलिस ने किया था। इसमें 5 सदस्यीय गैंग एटीएम चोरी के लिए एक कार का इस्तेमाल करती थी। वैसे ही कार अमरपाटन में भी इस्तेमाल की गई है। पुणे गैंग ने एटीएम चोरी के लिए कार को मोडीफॉई किया था। इसमें एक हाइड्रॉलिक सिस्टम जोड़ा गया था, जिससे एटीएम का कैश बाक्स अपने आप उठाया जाकर कार के अंदर चला जाता था। पुणे मॉडल में गैंग पहले रैकी करती थी। इसके बाद चोरी के दिन एटीएम बूथ पहुंच कर सीसीटीवी वायर काट देती थी। ऐसा ही अमरपाटन में किया गया।
यहां सीसीटीवी को स्प्रे पेंट से अंधा कर दिया गया। यह गैंग घटना के वक्त अपने मोबाइल स्विच ऑफ रखती थी, जिससे पुलिस की साइबर टीम को उनकी लोकेशन पता न चल सके। अमरपाटन में भी ऐसा किया गया है या नहीं यह जांच का विषय है। गैंग कैमरा बंद करने के बाद हुक लगाकर एटीएम को झटके से तोड़ती थी। इससे कैश बाक्स मशीन सहित बाहर आ जाता था। ऐसा ही अमरपाटन में भी किया गया। इसके बाद आगे जाकर हाइड्रोलिक के सहारे कैश बाक्स को कार के अंदर रख लिया जाता था।
ऐसा ही अमरपाटन में हुआ, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि कैश बॉक्स को घसीटने के बाद आगे ले जाकर पुणे मॉडल की तरह कार में ही कैश बॉक्स रखा या अन्य वाहन में। पुलिस के जानकारों का कहना है कि गैंग दो वाहन लेकर अपना रिस्क फैक्टर नहीं बढ़ाएगी। लिहाजा, अमरपाटन मॉडल में भी पुणे मॉडल की तरह कार में ही कैश बॉक्स रखा गया होगा। पुणे मॉडल में पूरी चोरी तीन मिनट में अंजाम दे दी जाती थी। अमरपाटन का घटना क्रम भी 6 मिनट के लगभग का है।
सतना पुलिस की भी मानें तो वह महाराष्ट्र सहित अन्य पुराने एटीएम चोरी के मॉडल का विश्लेषण कर अपने डाटा अन्य राज्यों से साझा कर रही है। हालांकि कुछ लीड सतना पुलिस को अभी मिली है। जांच हो रही है। पुलिस अधीक्षक लगातार अन्य राज्यों की साइबर सेल से सूचनाओं का आदान प्रदान कर रहे हैं।