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सतना

स्मार्ट स्टेशन: एक साल में दो बड़ी बैठकें, सिर्फ बातें हुईं, जमीन का मामला वहीं अटका!

परवान नहीं चढ़ पा रही स्मार्ट स्टेशन विकसित करने की कवायद

सतनाJul 28, 2018 / 12:50 pm

suresh mishra

Satna Smart City railway Stations

Satna Smart City railway Stations

सतना। स्मार्ट सिटी के स्टेशन को स्मार्ट बनाने के दावे फिलहाल खोखले ही नजर आ रहे हैं। एक साल पहले जोर-शोर से शुरू की गई रेलवे की कवायद अब तक परवान नहीं चढ़ पाई है। सतना रेलवे परिसर सहित कैमा को सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित करने, दो आरओबी का निर्माण सहित कई काम अटके पड़े हैं। बीते एक साल में दो बार रेलवे के शीर्ष अधिकारी व जिला प्रशासन के बीच लम्बी-चौड़ी बैठकें व साइट मुआयना के बाद भी इस दिशा में दोनों ओर से कोई पहल नहीं की गई।
ये है मामला
गौरतलब है, फरवरी में सतना-पन्ना रेललाइन के शिलान्यास की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे पश्चिम मध्य रेल जबलपुर मंडल के डीआरएम ने कलेक्टर सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों से लम्बी चर्चा की थी। बैठक में दोनों ओर से अधिकारियों ने प्लान साझा करते हुए इस फैसले पर पहुंचे कि जल्द से जल्द लैंड एक्सचेंज के मामले का निपटारा कर लिया जाए।
रेलवे बोर्ड के पास प्रस्ताव देने की बात कही

डीआरएम की ओर से कहा गया कि जमीन एक्सचेंज करने के मसले रेलवे बोर्ड तय करता है। लिहाजा, इस आशय का प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसी मसले पर एक साल पहले भी रेलवे व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई। उस दौरान भी रेलवे बोर्ड के पास प्रस्ताव देने की बात कही गई थी। शनिवार को रेलवे जोन के प्रभारी जीएम सुनील सिंह सोइन व डीआरएम सतना आकर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे लेकिन फिलहाल जिला प्रशासन के साथ बैठक का कोई तय कार्यक्रम नहीं है।
ओवरब्रिज का मामला भी पड़ा ठंडा
अधिकारियों के साथ पूर्व में हुई बैठक में कैमा में सेटेलाइट स्टेशन, मुख्त्यारगंज और उचेहरा क्रांसिग रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण, मालगोदाम शिफ्टिंग के मामले में घंटों चर्चा की गई थी। प्रस्ताव व स्वीकृति के बाद भी दोनों जगहों पर ओवरब्रिज नहीं बन पा रहे हैं। रेलवे इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार मानता है लेकिन पुल निर्माण की बाधा दूर करने के लिए पहल करता नहीं दिख रहा। दोनों आरओबी के निर्माण की प्रक्रिया रेलवे से क्लियर है पर प्रशासन में फंसी हुई है।
इंदिरा मार्केट के लिए होनी है अदला-बदली
स्मार्ट सिटी में स्मार्ट स्टेशन विकसित करने के लिए रेलवे व जिला प्रशासन को एक-दूसरे की जमीन की दरकार है। रेलवे को मैहर व कैमा के लिए जमीन चाहिए तो नगर निगम को स्टेशन रोड स्थित इंदिरा मार्केट के लिए रेलवे की जमीन चाहिए। इस सिलसिले बीते साल में दो बार तत्कालीन ननि आयुक्त व रेलवे अधिकारी साइट विजिट कर चुके हैं। आज हालत यह है कि इंदिरा मार्केट वहीं का वहीं है और रेलवे के सभी प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं।
लेट-लतीफी के शिकार ये काम
– प्लेटफॉर्म एक पर नया एग्जिट प्वाइंट
– स्टेशन पर एस्कलेटर व लिफ्ट
– परिसर की जमीन पर व्यापक सौंदर्यीकरण
– एसी वेटिंग हाल और लेडीज वेटिंग हाल
– मालगोदाम की शिफ्टिंग भी अभी तक नहीं

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