बताया गया है कि मेडिकल कॉलेज की निर्माण एजेंसी पीआईयू ने उच्च शिक्षा विभाग को यह जानकारी दी थी कि मेडिकल कॉलेज के लिये जो भूमि आवंटित है उसके भीतर दो एकड़ जमीन पर कन्या एवं बालक छात्रावास निर्माणाधीन है जो अनुसूचित जाति विकास विभाग को आवंटित जमीन के हिस्से पर बन रहा है। ऐसे में इस निर्माण को यथास्थिति बंद कर निर्माण कार्य सहित जमीन चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जाए। पीआईयू ने 17 जनवरी 2019 को यह जानकारी अधिष्ठाता श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा को दी। इसके बाद अधिष्ठाता के पत्र पर संचालक चिकित्सा शिक्षा ने 15 फरवरी को आयुक्त अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को पत्र लिखा। जिसमें यह जमीन चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने कहा गया।
यह है लालफीताशाही लालफीताशाही सरकारी कामों में कैसे होती है इसे इस तरह देखा जा सकता है कि फरवरी को लिखे पत्र का जवाब आयुक्त अनुसूचित जाति विकास ने 1 अप्रैल को दिया। कलेक्टर को लिखे पत्र में पुराने पत्रों का हवाला देते हुए इस प्रकरण की वस्तु स्थिति से अवगत कराने कहा गया। जिसकी कॉपी संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग को दी गई। जिस पर उपायुक्त ने गंभीरता दिखाते हुए पुन: वही पत्र जोड़ कर 3 अप्रैल को एक बार फिर कलेक्टर को लेख किया और कहा कि इसकी वस्तु स्थिति से आयुक्त अनुसूचित जाति विभाग को अवगत कराया जाए।
अभी तक नहीं तैयार हुई वस्तु स्थिति उधर कलेक्टर की ओर से इस मामले में अभी तक कोई भी वस्तु स्थिति तैयार करके आयुक्त को नहीं भेजी गई है। उधर बताया जा रहा है कि इस जमीन के हस्तांतरण के अभाव में मेडिकल कॉलेज निर्माण प्रारंभ करने में दिक्कत हो रही है।