इस मामले में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाने को पत्र भेजा है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने पीपीई किट को नष्ट करने की बजाय उसे धोकर पुनः बाजार में बेचने की घटना को डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ के साथ आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ करार दिया है। कांग्रेस नेता ने इस कार्य में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की मांग की है।
ये भी पढें- बड़ी लापरवाही, इस्तेमाल पीपीई किट को धोकर बेचा जा रहा बाजार में बता दें कि जिले के बरखेड़ा में इंडो वाटर मैनेजमेंट एंड पॉल्यूशन कंट्रोल कार्पोरेशन पर बीते दिनों इस्तेमाल की गई पीपीई किट धोकर बाजार में बेचने के आरोप लगे थे। इससे संबंधित वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल होने के बाद बड़ा घोटाला सामने आया था। आरोप लगा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पहनी गई पीपीई किट को संक्रमित होने के बाद वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने वेस्टेज प्लांट भेजा गया था। लेकिन प्लांट में उस पीपीई किट को गर्म पानी से धोकर दोबारा भोपाल और सतना के बाजारों में बेंचने के लिए भेज दिया गया। इंडो वाटर मैनेजमेंट एंड पॉल्यूशन कंट्रोल कार्पोरेशन प्लांट में पीपीई किट को गर्म पानी से धो कर बंडल बनाने वाले वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। लेकिन मौके पर जांच करने के बाद प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने फैक्ट्री प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी। जांच अधिकारी एसडीएम ने कहा किपीपीई किट के बाजार में बेचने के कोई सबूत नहीं मिले।
ये भी पढ़ें- Used PPE kit को धो कर दोबारा बाजार में बेचे जाने मामले में नया मोड़ यहां यह भी बता दें कि बड़खेरा पोस्ट भटनवारा, सतना स्थित इंडो वाटर मैनेजमेंट एवं पॉल्यूशन कंट्रोल कारपोरेशन के विरुद्ध पहले भी कई आरोप लगे हैं। प्लांट स्तर पर बरती जाने वाली लापरवाही की शिकायत कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की गई। लेकिन आरोप है कि विभाग स्तर पर हर बार उन शिकायतों पर कार्रवाई के बजाय उस मसलेको दबा दिया गया। इसके चलते आलम यह है कि वर्तमान में प्लांट के आसपास की स्थिति बेहद चिंताजनक हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे 24 घंटे 7 दिन कचड़ा, धुंआ व दुर्गंध निकलता है। नागरिक बताते हैं कि इस मामले में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ ही राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भी जांच करने पहुंची थी लेकिन प्लांट प्रबंधन ने इस वीडियो को ही फर्जी और एक वर्ष पुराना बताकर जांच को रफा-दफा करवा दिया। इस प्लांट में आस-पास के छह से अधिक जिलों का बायो वेस्ट पहुंचता है जिसे डिस्पोज किया जाता है लेकिन पीपीई किट दोबारा धोकर बेचने का मामला आने आने के बाद हड़कंप मच गया था।