विलुप्त होती गिद्ध के संरक्षण में राष्ट्रीय सेवा योजना ने कदम बढ़ाया है। शहीद पद्मधर सिंह स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रामबहोरी त्रिपाठी एवं जिला वन मंडल अधिकारी राजीव मिश्रा के निर्देशन में राष्ट्रीय सेवा योजना आशीष सिंह बघेल के नेतृत्व में रासेयो की ओर से वन परिक्षेत्र अमरपाटन अंतर्गत गिधैला एवं सुधैला पहाड़ पर उनके आशियाने को तलाशने के लिए विजिट किया गया।
उनकी प्रत्यक्ष गणना कर मौजूद दो प्रजातियां व कुल संख्या 26 सुनिश्चित दर्ज किया गया। बताया गया कि 99 प्रतिशत तक गिद्ध विलुप्त हो चुके हैं। निकट भविष्य में यह प्रजाति हमारे पर्यावरण से विलुप्त हो, उससे पहले हम गिद्धों को बचाने में मदद करें। इस दौरान मौजूद लोगों ने गिद्ध बचाने का संकल्प भी लिया। मौके पर उप वनमंडल अधिकारी मेहर जीआर सिंह, वन परिक्षेत्र अधिकारी सुभाष चंद्र मिश्रा, आदर्श सिंह, संदीप, राकेश, जितेन्द्र एवं समस्त वन विभाग मौजूद रहे।
स्थानीय धारणा है कि सबसे ज्यादा गिद्ध अमरपाटन के गिद्धकूट पहाड़ी पर रहते हैं, लेकिन गणना में यह मिथक टूटते दिखा। हालांकि, यहां पर 26 गिद्ध संख्या दर्ज की गई है। ये सभी गिद्धकूट के आस-पास क्षेत्र में ही पाए गए हैं। सघनता के हिसाब से देखा जाए, तो अच्छी संख्या है।