जिला अस्पताल में सप्ताह में एक दिन बुधवार को दोपहर २ बजे से शाम ५ बजे तक बीमार महिलाओं के इलाज के लिए रोशनी क्लीनिक संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें 19 साल से अधिक आयु की महिलाओं में होने वाली बीमारियों की पहचान कर उनका फौरन इलाज करना होता है। यहां 12 से अधिक बीमारियों का उपचार और 21 तरह की जांच करने के निर्देश हैं। साथ ही जो जांच जिला अस्पताल में मौजूद नहीं, वह निजी हॉस्पिटल और पैथोलॉजी में कराने को कहा गया है।
स्टाफ की मनमानी जारी
जिला अस्पताल रोशनी क्लीनिक के संचालन में चिकित्सक सहित स्टाफ द्वारा मनमानी की जा रही है। बुधवार की दोपहर ३ बजे क्लीनिक में इलाज कराने पहुंची बीमार महिलाओं की भीड़ लगी हुई थी। चिकित्सक सहित आधा स्टाफ क्लीनिक से गायब था। ग्रामीण अंचल से इलाज की आस में पहुंची महिलाएं परेशान हो रही थीं, उन्हें घंटों इंतजार के बाद भी इलाज नहीं मिल पा रहा था, भटकाव झेलना पड़ रहा था।
बिना इलाज कराए लौट जाती हैं महिलाएं
रोशनी क्लीनिक से चिकित्सक सहित स्टाफ के गायब रहने का यह पहला मामला नहीं। यहां चिकित्सक देर से क्लीनिक पहुंचते हैं और जल्दी चले जाते हैं। इससे प्रत्येक सप्ताह बड़ी संख्या में महिलाएं बिना इलाज कराए ही लौट जाती हैं। अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार सीएमएचओ, सीएस, आरएमओ, अस्पताल प्रशासक सहित अन्य को भी जानकारी है पर संरक्षण के चलते सभी चुप्पी साधे हुए हैं।
जिला अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार लापरवाहों पर कार्रवाई करने की बजाय मनमानी पर पर्दा डालने में जुटे हुए हैं। इसके चलते रोशनी क्लीनिक में किस विशेषज्ञ चिकित्सक, मेडिकल ऑफिसर, स्टॉफ नर्स,