प्रियांश-श्रेयांश का अपहरण के बाद आरोपियों ने अर्तरा में किराए के मकान पर छिपा कर रखा था। जहां पर आरोपियों के पास बिस्तर नहीं था। पदम शुक्ला और राजू द्विवेदी ने टेंट हाउस से झूठ बोलकर किराए में रजाई और गद्दे लिए थे। टेंट हाउस संचालक ने परेड के दौरान दोनों आरोपियों को पहचाना और बताया कि इन्हीं ने उसके पास से सामग्री किराए पर ली थी।
आरोपियों ने अपहरण के बाद इंटरनेट कॉलिंग के जरिए प्रियांश-श्रेयांश के परिजनों ने फिरौती मांग थी। फिरौती की राशि एक निर्धारित स्थान पर रखने कहा था। परिजनों ने आरोपियों के कहे अनुसार निर्धारित स्थान पर फिरौती की रकम रख दी थी। जब आरोपी लकी तोमर और राजू द्विवेदी पैसा उठा रहे थे तो गाना-बजाना करने वाली टीम के एक सदस्य ने दोनों को देख लिया था। सदस्य ने परेड के दौरान दोनों आरोपियों को पहचाना।
अभियोजन प्रवक्ता ने बताया, आरोपियो का विशेष न्यायालय में वारंट पेश किया गया। न्यायालय ने सभी आरोपियों को २९ अप्रेल तक की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। २९ के पहले पेश किया जा सकता है चालान
मामले की अन्वेषण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सूत्रों की मानें तो २९ के पहले न्यायालय में चालान पेश किया जा सकता है।