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सतना

Public curfew: 31 मार्च तक नहीं चलेंगी ट्रेनें

रेलवे ने जारी किया आदेश, रेवांचल, महामना व रीवा-इंदौर को किया रिशेड्यूल

सतनाMar 23, 2020 / 02:24 pm

Pushpendra pandey

nagaur

नियमित ट्रेनों का संचालन रद्द

सतना. कोरोना वायरस का संक्रमण ट्रेनों के जरिए एक शहर से दूसरे शहर व राज्य में न फैले इसके लिए सभी तरह की यात्री गाडि़यों का परिचालन रोक दिया गया है। रेलवे बोर्ड ने तय किया है कि 31 मार्च तक किसी भी हिस्से में ट्रेन नहीं चलेंगी। लम्बी दूरी की जो ट्रेनें 21 मार्च या उसके पहले सोर्स से छूटी हैं वे अपनी यात्राएं पूरी करेंगी। वहीं रविवार को जनता कफ्र्यू खत्म होने के बाद बदले गए समय में चलने वाली तीन गाडि़यों को रीवा से ही रद्द कर दिया गया। रेवांचल, महामना व रीवा-इंदौर को रात 10 बजे के बाद रिशेड्यूल किया गया था।
जब मचा हड़कम्प
रेलवे अनारक्षित टिकट घर पर यात्रियों के साथ ही कर्मचारी भी बहुत कम रहे। इतना ही नहीं पूछताछ केंद्र पर भी ट्रेनों का समय जानने के लिए दोपहर एक ही यात्री दिखाई दिया। पुणे से आने वाली एक ट्रेन में बुखार से पीडि़त यात्री उतरने के बाद स्टेशन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन मे ंस्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उसे इलाज के लिए ले गई। बाकी बचे सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग खुद सीएमएचओ डॉ. एके अवधिया व स्टॉफ ने की। स्टेशन के पार्र्किंग व सर्कुलेटिंग एरिया भी दिनभर सुनसान रहे। एक भी यात्री या फिर बाहरी व्यक्ति नजर नहीं आया। रेलवे के पैदल पुल पर से होकर भी यात्रियों का आवागमन नहीं हुआ।
दहशत के साये में यात्रा
शनिवार से हावड़ा-मुम्बई रूट की 90 ट्रेन रद्द करने के बाद रविवार को सतना स्टेशन का माहौल पूरी तरह वीरान रहा। यहां पूरे दिन सिर्फ सात ट्रेनें आई। ये वे टे्रने थी जिन्हें मुम्बई व पुणे से बिहार के लिए चलाया गया था। इन टे्रनों में सफर करने वाले यात्री कोराना वायरस के संक्रमण से भयभीत थे। स्टेशन में उतरते ही कई स्थानीय यात्री जिला अस्पताल स्क्रीनिंग कराने भागे। यहां भी ट्रेनों की संख्याओं के साथ-साथ यात्रियों की संख्या भी बहुत कम देखने को मिली। प्लेटफार्म से लेकर अनारक्षित टिकट घर एवं सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारियों की संख्याएं कम रहीं। वहीं हर ट्रेन के गुजरने के बाद प्लेटफॉर्म व टिकट घर की साफ-सफाई की गई। एक ओर जहां ट्रेनों के बंद रहने के ऐलान के बाद अनारक्षित टिकट घर पर सन्नाटा पसरा रहा। प्लेटफार्म पर बैठे चंद यात्रियों को भी रेलवे सुरक्षा बल एवं सरकारी कर्मचारियों द्वारा स्क्रीनिंग कराने जिला अस्पताल की सलाह दी गई। स्टेशन के अलावा रेलवे परिसर जैसे आरक्षण केंद्र एवं सर्कुलेटिंग एरिया में भी यात्रियों एवं आने-जाने वाले लोगों से पूछताछ करके उनको रोकना शुरू कर दिया गया।

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