scriptsatna: जिला अस्पताल उन्नयन में दिक्कत के बाद भी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को नहीं मिल रही राशि | ACS complicating matters for Satna Medical College Hospital | Patrika News
सतना

satna: जिला अस्पताल उन्नयन में दिक्कत के बाद भी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को नहीं मिल रही राशि

मेडिकल कॉलेज के अपने अस्पताल के लिए राशि देने से ज्यादा जोर एसीएस का जिला अस्पताल उन्नयन में
आर्किटेक्ट बोल चुके हैं बूढ़े हो चुके जिला अस्पताल में उन्नयन की क्षमता नहीं

सतनाSep 10, 2022 / 11:07 am

Ramashankar Sharma

satna: जिला अस्पताल उन्नयन में दिक्कत के बाद भी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को नहीं मिल रही राशि

ACS complicating matters for Satna Medical College Hospital

सतना। मेडिकल कॉलेज तो बन गया लेकिन इस कॉलेज की प्रयोगशाला अर्थात मेडिकल कॉलेज के अपने अस्पताल के लिए आज तक राशि जारी होना तो दूर शासन ने वित्तीय स्वीकृति तक नहीं मिल सकी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के एसीएस मो. सुलेमान का जोर वित्तीय स्वीकृति देने से ज्यादा जिला अस्पताल उन्नयन पर नजर आ रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के एसीएस नया अस्पताल की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद भी वित्तीय स्वीकृति में पेंच फंसा कर जिला अस्पताल को ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल की तरह उपयोग करने दबाव दे रहे है। जबकि इस प्रोजेक्ट के कन्सल्टेंट स्पष्ट कह चुके हैं कि बूढ़े हो चुके जिला अस्पताल में इतना दम नहीं बचा है कि वह आधुनिक शैली के उच्च गुणवत्ता वाले अस्पताल भवन के विस्तार को सह सके। अब मामला गंभीर होता देख संभागायुक्त ने भी एसीएस को पत्र लिख कर न केवल कन्सल्टेंट से सहमति जताई है बल्कि मेडिकल कॉलेज के लिए नये अस्पताल भवन निर्माण की बात कही है। मेडिकल कॉलेज को लेकर तमाम श्रेय लेने वाले जनप्रतिनिधि और संगठन भी अब इस मामले में चुप्पी साध कर बैठ गए हैं।
आखिर नये अस्पताल को अनुमति में विलंब क्यों

अब जबकि सतना मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण 90 फीसदी पूरा हो गया है और 30 सितंबर तक इसे पूरा कर लेने की बात निर्माण एजेंसी पीआईयू ने कही है। वहीं 150 सीट के लिये एमबीबीएस पाठ्यक्रम का शैक्षणिक सत्र 2023-24 में आरंभ करने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) में आवेदन दाखिल किया जा चुका है। इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज के अपने अस्पताल के लिए वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल सकी है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों को न तो समुचित प्रयोग और उपचार के अवसर मिल सकेंगे और न ही जिले के लोगों को मेडिकल कॉलेज वाली चिकित्सा सुविधा। यह सब तब हो रहा है जब मेडिकल कॉलेज के लिए आवश्यक अस्पताल के लिये जिला चिकित्सालय का उन्नयन करने संबद्धता अनुबंध निष्पादित होने के बाद कन्सल्टेंट कंपनी के सीनियर मैनेजर आर्किटेक्ट सुमित रैना ने जिला अस्पताल के उन्नयन के लिये अपनी असहमति दे दी है। जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के लिये उन्नयन के अनुकूल नहीं बताया है। इससे सहमत होते हुए संभागायुक्त अनिल सुचारी ने एसीएस चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिख वस्तु स्थिति से अवगत कराया है।
यह है सीनियर आर्किटेक्ट की रिपोर्ट

पीआईयू के सलाहकार आर्किटेक्ट सुमित रैना ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जिला अस्पताल का 650 बेड के लिये विस्तार अधोसंरचनात्मक विसंगतियों के कारण उपयुक्त नहीं है। कहा है कि जिला चिकित्सालय सतना का भवन लगभग 60-65 साल पुराना है। इस भवन की भौतिक अधोसंरचना प्राचीन शैली की है लिहाजा तकनीकि दृष्टिकोण से मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध चिकित्सालय की रूपरेखा व संरचनात्मक विस्तार के अनुरूप नहीं है। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों के भवनों के निर्माण के लिये नवीन तथा अत्याधुनिक अधोसंरचनात्मक तकनीकि का उपयोग किया जा रहा है तथा एनएमसी के मापदण्डों में भी नवीनतम शैली के साथ भवन निर्माण प्रक्रियाएं सुनिश्चित किये जाने के निर्देश हैं। जिला अस्पताल सतना का भवन शहर के मध्य में स्थित है, जहां भवन विस्तार के लिये रिक्त भूमि का अत्यंत अभाव है। ऐसे में इस अस्पताल परिसर में नवीन आधुनिक शैली अनुसार भवन निर्माण के लिये भूमि के अभाव में विस्तार किया जाना संभव नहीं है। अगर ऐसा किया जाता है तो वह सुरक्षा तथा तकनीकि दृष्टि से भी उचित नहीं होगा।
मरीजों सहित छात्रों व चिकित्सा शिक्षकों को होगी कठिनाई

आर्किटेक्ट ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट बताया है कि जिला अस्पताल सतना को उन्नयित किये जाने पर आने वाले मरीजों को व्यवहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पताल की दूरी 7.5 किलोमीटर होने से प्रवेशार्थी छात्रों व चिकित्सा शिक्षकों को चिकित्सकीय प्रयोगों व शिक्षण कार्यों में व्यवहारिक व आवागमन संबंधी कठिनाइयां होंगी।
नहीं मिल सकेंगी गुणात्मक स्वास्थ्य सुविधाएं

रिपोर्ट में बताया गया है कि जिला अस्पताल में प्राथमिक और विशेषज्ञ उपचार मुहैया कराया जाता है। जबकि मेडिकल कॉलेज में उच्च गुणवत्तापूर्ण विशेषज्ञतायुक्त उपचार सुविधा मुहैया कराई जाती हैं। इसके लिये अधोसंरचनात्मक व सुसंगत संसाधनों की आवश्यकता होती है। जिसके लिये तकनीकि मापदण्ड अनुसार चिकित्सकीय भवन आवश्यक होता है। लेकिन इस परिस्थिति में अगर जिला अस्पताल का उन्नयन किया जाता है तो जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के मानव संसाधनों के मध्य उपचार व्यवस्थाओं के सुचारू और गुणात्मक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में व्यवहारिक कठिनाइयां होंगी। जिससे चिकित्सकीय सुविधाएं प्रभावित होंगी। इसके अलावा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रभावित होगा।
यह की संभागायुक्त ने अनुशंसा

आर्किटेक्ट की आपत्ति से सहमत होते हुए संभागायुक्त अनिल सुचारी ने एसीएस को लिखे अनुशंसा पत्र में कहा है कि सतना स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल का पृथक निर्माण करने से सतना जिले सहित आस पास के जिलों के नागरिकों को उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। लिहाजा मेडिकल कॉलेज सतना के परिसर में ही संबंद्ध चिकित्सालय का नवीन निर्माण कार्य किया जाना उचित होगा।

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