scriptPhalodi Satta Bazar: फलोदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणी: अंतिम चरण में गोरखपुर सीट पर सत्ता परिवर्तन संभव, काजल निषाद छिन सकती है चमक  | Ravi Kishan, Kajal Nishad to contest from Gorakhpur | Patrika News
संत कबीर नगर

Phalodi Satta Bazar: फलोदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणी: अंतिम चरण में गोरखपुर सीट पर सत्ता परिवर्तन संभव, काजल निषाद छिन सकती है चमक 

गोरखपुर की राजनीतिक जंग: योगी की प्रतिष्ठा और रवि किशन को चुनौती। गोरखपुर सीट पर कड़ी टक्कर दे रहीं गठबंधन प्रत्याशी काज़ल निषाद, गोरखपुर वासियों के मन-मस्तिष्क में फिट नहीं बैठ पाये हैं रवि किशन।

संत कबीर नगरJun 01, 2024 / 06:35 pm

Ritesh Singh

Lok Sabha Election

Lok Sabha Election

 Lok Sabha Election: 2024 के चुनावी रण का बिगुल पहले ही बज चुका हैं और अब सिर्फ आखिरी चरण का चुनाव लगभग हो चुका हैं। अब तक लगभग 80 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं, और इसी के साथ प्रत्याशियों का भविष्य भी ईवीएम मशीनों में बंद हो चुका हैं। इस अंतिम चरण में वाराणसी के बाद गोरखपुर की सीट सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जोकि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक साख से सीधी जुड़ी हैं।
Lok Sabha Election

योगी के दिल में गोरखपुर 

योगी आदित्यनाथ भले ही इस बार गोरखपुर से उम्मीदवार नहीं हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि इस सीट पर उनका प्रभाव कम हुआ है। वर्षों पहले इसी सीट से सबसे युवा सांसद के तौर पर चुने गए योगी, आज भी गोरखपुर के प्रति अपने विशेष स्नेह और लगाव के कारण वहां की जनता के बीच लोकप्रिय हैं। उनकी नियमित गोरखपुर यात्राएं, जनता दरबार और वहां के लोगों के साथ उनके सीधे संवाद से यह स्पष्ट होता है कि गोरखपुर उनके दिल के करीब है।
Lok Sabha Election

रवि किशन की जमीन पर पकड़ कमजोर 

गोरखपुर के लोगों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ की व्यक्तिगत जुड़ाव और उनकी नियमित मौजूदगी ने उन्हें जनता के दिलों में एक स्थायी जगह दिलाई है। वहीं, भाजपा से जुड़े पार्टी जानकारों के अनुसार, मौजूदा सांसद रवि किशन की राजनीतिक जमीन पर पकड़ कमजोर है। योगी आदित्यनाथ के विपरीत, रवि किशन गोरखपुर के स्थानीय मुद्दों और लोगों से सीधे तौर पर जुड़े नहीं हैं, जिससे वे क्षेत्र के पढ़े-लिखे और मध्यवर्गीय मतदाताओं से दूर हो गए हैं।

रवि किशन जनता के बीच सिर्फ रील-डायलॉग,काजल निषाद जनता के बीच 

चर्चा यह भी है कि रवि किशन की छवि एक फिल्मी अभिनेता की बनी हुई है, जो जनता-जनार्दन के बीच कम और फिल्मी रील-डायलॉग में ज्यादा दिखते हैं। इसके विपरीत, सपा-कांग्रेस इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी काजल निषाद ने अपने जोरदार चुनावी कैंपेन के माध्यम से जनता का ध्यान आकर्षित किया है। काजल निषाद, जो पहले भी कई चुनाव लड़ चुकी हैं, गली-मोहल्लों और गांव-कस्बों में जाकर लोगों से मिल रही हैं, जिससे उनका जनाधार मजबूत हो रहा है। गोरखपुर में निषाद समुदाय की बड़ी आबादी भी काजल निषाद के पक्ष में जाती दिख रही है। पिछले लोकसभा उपचुनाव में भी बीजेपी को यहां पराजय का सामना करना पड़ा था, जिससे यह साफ है कि गोरखपुर अब अभेद्य किला नहीं रहा है।
Lok Sabha Election

रवि किशन को जनता ने था नाकारा 

रवि किशन, जो अपने गृह जनपद जौनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, जनता द्वारा नकार दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थामा और योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर से सांसद बने। अब दूसरी बार चुनावी दंगल में अपनी राजनीतिक साख बचाने की चुनौती उनके सामने है। 

गोरखपुर संसदीय सीट की रवि किशन या काजल निषाद की 

इस चुनावी समर में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रवि किशन अपनी सीट बचा पाएंगे या काजल निषाद अपनी कड़ी मेहनत से गोरखपुर की सत्ता पलट देंगी। गोरखपुर की जनता का फैसला 4 जून को ईवीएम के माध्यम से सामने आएगा। फलोदी सट्टा बाजार के दावों की हकीकत मतगणना के बाद ही सामने आएगी। हालांकि, यह बाजार अपने सटीक अनुमानों के लिए जाना जाता है, फिर भी इसके अनुमान कई बार गलत भी साबित हो चुके हैं। ग्राउंड  से आई अनुसार ही खबर पूरी।  

Hindi News/ Sant Kabir Nagar / Phalodi Satta Bazar: फलोदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणी: अंतिम चरण में गोरखपुर सीट पर सत्ता परिवर्तन संभव, काजल निषाद छिन सकती है चमक 

ट्रेंडिंग वीडियो