मुख्यमंत्री की जनसभा के बाद भाजपा के झंडे के प्रति लोगों में बेहद क्रेज देखने को मिला। यहां लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर लोहे के पाइप ऊपर चढ़ गए और जमीन से काफी ऊपर लगे झंडों को उतार लिया। इन लोहे के पाइप ऊपर बिजली के पंखे लगे हुए थे। बिजली के तार लगे हुए थे लेकिन लोगों ने अपनी जान की परवाह भी नहीं की और झंडे उतारने के लिए लोहे के पाइपों पर चढ़ गए। पाइप ऊपर चढ़ रहे युवाओं को देखकर एक बुजुर्ग भी ऊपर चढ़ गए जिनका पैर फिसलते-फिसलते बचा। दो बार विफल होने पर भी यह बुजुर्ग नहीं माने और तीसरी बार में इन्होंने भी झंडा उतार ही लिया। समर्थकों को लोहे के खंभों पर चढ़ता हुआ देख आयोजकों ने पूरे पंडाल की पावर सप्लाई को बंद करा दिया, ताकि किसी को करंट ना लग जाए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर एक झंडे के लिए समर्थक अपनी जान की परवाह किए बगैर किस तरह से लोहे के पाइप ऊपर चढ़ गए ?