आतिया कहती हैं कि अभी तीन तलाक पर कानून बना है, जिसमें एक साथ तीन तलाक देने पर 3 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है। लेकिन, अभी और जागरुकता आनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक चाहे सहमति से हो या बगैर सहमति से हो, इसमें पीड़िता को हक मिलना चाहिए। अभी तक तीन तलाक पीड़िता को संपत्ति पर हक नहीं मिलता है। इसलिए वे चाहती हैं कि अब ये भी कानून बनना चाहिए।
जानिए कौन हैं आतिया दरअसल आतिया साबरी खुद तीन तलाक पीड़िता हैं। आतिया ने ही सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई थी। तीन तलाक के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली कुल पांच महिलाओं में से आतिया तीसरे नंबर की महिला हैं। आतिया की दो बेटियां हैं। आतिया को उनके पति ने कागज के टुकड़े पर लिखकर तीन तलाक दे दिया था, लेकिन वे चुप नहीं बैठी और उन्होंने तीन तलाक का विरोध किया और अपनी आवाज को बुलंद करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक आवाज को उठाया। यही कारण है कि अब संसद में तीन तलाक विधेयक पास होने के बाद आतिया के घर पर जश्न जैसा माहौल है और आतिया को उनके सभी रिश्तेदार बधाई दे रहे हैं। आतिया के रिश्तेदारों के कहना है कि आतिया ने नजीर पेश की है।
उलेमा से किया ये आह्वान संसद में विधेयक पास होने पर आतिया ने कहा है कि अब उलेमा को भी जनहित में इसे मान लेना चाहिए। विधेयक पास हो गया है। यह भी जानिए
सहारनपुर के मौहल्ला अली तेली वाला चौक की रहने वाली आतिया साबरी सोशल साइंस और इंग्लिश से एमए पास हैं। 25 मार्च 2012 को हरिद्वार जिले के जसोधरपुर के रहने वाले वाजिद अली से आतिया का निकाह हुआ था। शादी के करीब 2 साल बाद पति ने आतिया पर आरोप लगाते हुए कागज के टुकड़े पर उन्हें तीन बार तलाक तलाक तलाक लिखकर भेज दिया था। उस समय आतिया की दो बेटियां थीं और उन्होंने यहीं से अपनी लड़ाई शुरू कर दी जो अब अंजाम तक पहुंचती में दिखाई दे रही है।