बता दें कि लोकसभा में पास होने के बाद तीन तलाक का बिल राज्यसभा में अटका हुआ है। इसी बीच इस्लामिक शिक्षा की नगरी देवबंद में तीन तलाक बिल का विरोध शुरू हाे गया है। देवबंद हुकूके तहाफुज ख्वातीन मंच देवबंद ने सरकार के तीन तलाक बिल का विरोध किया है। मंच की महिलाओं ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि वह नहीं चाहती कि बिल राज्यसभा में कानून की शक्ल ले। उन्होंने कि वह इसका विरोध करती हैं। ईदगाह रोड स्थित पब्लिक गर्ल्स इंटर कॉलेज की अध्यापिका रुबीना शहजाद, शबाना जकी और शबाना ने दो टूक कहा कि तीन तलाक का मामला शरीयत के अधीन है। इसलिए सरकार इसमें कोई अमल-दखल न दे तो बेहतर है।
उन्होंने कहा कि देशभर की दो करोड़ से अधिक मुस्लिम महिलाएं सरकार को अपना हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन तीन तलाक बिल के विरोध में भेज चुकी हैं। उसके बाद भी सरकार चंद बेपर्दा औरतों के नाम पर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने वाले बिल को एक बार फिर रंग बदलने के बाद लेकर आई है, जो उन्हें किसी सूरत में मंजूर नहीं है। उन्होंनेे सरकार के बिल को मजहब और ईमान पर चोट बताया। उन्होंने मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि बेहतर हो कि वह बिल को राज्यसभा में पेश नहीं करें। अन्यथा यदि यह बिल कानून की शक्ल में उन पर थौपा गया तो वह इसका पालन नहीं करेंगी। इस दौरान महिलाओं ने हस्तलिखित तख्तियों पर तीन तलाक विरोधी नारे लिख विरोध जताया।