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यह कार्रवाई केवल किसानों तक सीमित नहीं रही। पराली जलाने का मामला सामने आने पर चार लेखपाल और पांच टेक्निकल सहायकों समेत 9 सरकारी कर्मचारियों को भी नोटिस थमा गए हैं। उनसे जवाब मांगा गया है कि आखिर यह लापरवाही कैसे हुई है ? शनिवार को सहारनपुर प्रशासन को सेटेलाइट से रिपोर्ट मिली की सहारनपुर में सात जगहों पर पराली जलाई जा रही है। रिपाेर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ( DM Saharanpur ) जब जमीनी हकीकत का पता कराया ताे इसमें गंगोह व नकुड़ क्षेत्र में कुल आठ किसानों के नाम सामने आए। इन किसानों पर 37,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया।पहल: अब वृद्धाश्रम के बुजुर्ग शुरू कर सकेंगे अपना रोजगार, खुद के लिए कमाएंगे पैसे
इसी तरह से शामली के जलालाबाद में एक किसान ने अपने फसल के अवशेष खेत में ही जला दिए इस किसान पर भी शामली जिला अधिकारी ( DM Shamli ) जगजीत कौर ने कार्रवाई के आदेश दिए। शामली में भी किसान पर जुर्माना लगाया गया और सभी किसानों को आगाह किया गया कि वह फसल के अवशेष खेत में नहीं जलाएंगे। प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप गया। किसानाें काे यह बात समझ नहीं आई कि जब किसी ने गांव से शिकायत तक नहीं की ताे आखिर प्रशासन काे इस बात का पता कैसे चला कि खेत में पराली जलाई गई है।अगर कोई किसान अपने खेत में फसल के अवशेष या पराली जलाता है तो उस पर ढाई हजार से लेकर 15 हजार तक जुर्माना लगाया जा सकता है। उप कृषि निदेशक रामजतन मिश्रा के अनुसार एनजीटी के आदेश हैं कि किसान खेत में फसलों के अवशेष नहीं जलाएंगे। पराली का धुंआ भारी प्रदूषण करता है। आदेशों में साफ लिखा गया है कि किसी भी कीमत पर पराली नहीं जलाई जाएगी लेकिन किसान अभी भी नहीं मान रहे हैं।
सहारनपुर में गंगोह थाना क्षेत्र के गांव शीतलपुर के किसान पंजाब सिंह, नकुड़ थाना क्षेत्र के गांव सरूरपुर तगा के किसान मित्रपाल पर पाांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा है। जवास खेड़ी के किसान कमरपाल व चमल सिंह पर ढाई-ढाई हजार रुपये और चाऊपुरा के किसान जसवीर से ढाई व इसी गांव के किसान सत्तार से पांच हजार रुपये वसूले गए। इसी तरह से सतसरा बेरखेड़ी के किसान कश्मीर सिंह से 15 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है।