यह भी पढ़ें-
लखनऊ से तीन और संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, पूछताछ जारी, इलाकों में की जा रही छापेमारी बता दें कि लखनऊ से हाल ही में एटीएस ने आतंकी मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर और मिनहाज अहमद को गिरफ्तार किया था। मिनहाज अहमद के पिता सिराज अहमद ने जमीयत उलमा-ए-हिंद को पत्र लिखकर कानूनी मदद गुहार लगाई है। जमीयत उलमा कानूनी इमदाद कमेटी अध्यक्ष गुलजार आजमी ने बताया कि आरोपियों के परिजनों का पत्र मिलने के बाद मौलाना अरशद मदनी के आदेश पर अधिवक्ता की नियुक्ति कर दी गई है। अधिवक्ता फुरकान खान को निर्देश दिए हैं कि वह कोर्ट से केस संबंधित दस्तावेज जैसे रिमांड रिपोर्ट, एफआईआर की कॉपी आदि दस्तावेज निकालें। मुकदमे की अगली सुनवाई में आरोपियों की तरफ फुरकान कोर्ट में मौजूद रहेंगे।
मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि जमीयत ने अब तक सैकड़ों युवाओं को आतंकवाद के मुकदमों में रिहा कराया है। इससे पता चलता है कि जांच एजेंसियां बगैर सुबूत धार्मिक पक्षपात के आधार पर युवाओं को गिरफ्तार करती हैं और लंबे समय बाद कोर्ट उन्हें ससम्मान बरी कर देती है। उन्होंने सवाल उठाया कि जांच एजेंसियों के इस रवैये से मुस्लिम युवाओं के कई साल बर्बाद हाेते हैं, उन्हें कौन लौटाएगा? इसी वजह से जमीयत ने फास्टट्रैक कोर्ट की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा कि वास्तव में जो दोषी हैं, उसे सजा मिले। वहीं जो निर्दोष हैं, उन्हें तत्काल रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्दोष मुसलमानों की ससम्मान रिहाई तक हम कानूनी संघर्ष करते रहेंगे।