उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद 6 दिसंबर को शहीद की गई थी। इस मौके पर बहुत से लोग काला दिवस मनाते हैं तो कुछ लोग योम में फतेह मनाते हैं। उन्होंने कहा कि सबको ये जानना चाहिए कि इंसानियत का महफूज रहना सबसे पहले जरूरी है। मंदिर और बाबरी मस्जिद का मामला अदालत में है। ऑल इण्डिया मुस्लिम प्रर्सनल लॉ बोर्ड फैसले को तस्लीम करने के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह विकल्प भी खुले हैं, जहां पर सभी फरीक (पक्षकार) मिलकर इंसानियत की बुनियाद पर कोई ऐसा फैसला करें, जिससे सबके अकीदे, सबकी मान्यता और सबकी भाईचारगी बाकी रहे तो वो रास्ता सबके लिए आज भी खुला हुआ है। साथ ही उन्होंने देशवासियों से अपील भी की कि 6 दिसंबर के मौके पर कोई ऐसा वाकिया न हो, जिससे इंसानियत को नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमारी तमाम हिंदुस्तानी कौम के नाम ये पैगाम है कि वो अमनो-अमान और मुल्क की तरक्की और इंसानियत को महफूज रखने के लिए और इंसानियत की तरक्की के लिए कोशिश करें और हर उस बात से फरहेज करें, जिससे इंसान को नुकसान पहुंचता है।