दारुल उलूम देवबंद एक पवित्र विचारधारा है, दारुल उलूम ने आजादी की लड़ाई लड़ी है, स्वतंत्रता सेनानी पैदा किये हैं और रही बुक्कल नवाब की बात तो वह अभी कुछ दिन पहले मन्दिर में जाकर पूजा कर रहे थे। उनको अगर हमने हिन्दू बोल दिया तो उन्हें हिन्दू कहलवाना पसन्द नहीं है। क्या करना चाहते हैं वो। ना वो मुसलमान रहना चाहते हैं, ना ही हिन्दू रहना चाहते हैं। वह मन्दिर में जाना पंसद करते हैं और हिन्दू शब्द से उन्हें नफरत है। बुक्कल नवाब अपनी राजनीति के लिए ये सब इस्तेमाल कर रहे हैं। वो देश से प्यार नहीं करते, ना ही उन्हें इन तरह की बाते बोलनी चाहिए क्योंकि ये सब बातें बोलने का उनका मुँह नहीं है।
गौरतलब है कि बीजेपी के एमएलसी बुक्कल नवाब ने दारुल उलूम देवबंद पर निशाना साधते हुए कहा कि इसका नाम बदलकर खूनी पंजा कर देना चाहिए। बुक्कल नवाब ने कहा कि मुस्लिमों को मुहम्मद साहब का कौल याद रखना चाहिए। जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘अपने देश से मोहब्बत करना आधी इबादत होती है।’ उन्होंने कहा कि दारुल उलूम के मौलाना सबसे पहले नर्क जाएंगे। ये वो लोग हैं जिन्होंने ओसामा बिन लादेन, बगदादी, दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद जैसे लोगों को पैदा किया है। बुक्कल नवाब ने कहा कि हम शिया मुस्लिम हैं जो अपने मजहब के अलावा दूसरे मजहब का भी सम्मान करते हैं.