सहारनपुर के मोहल्ला श्यामपुरी कालोनी की रहने वाली ज्योति चौहान रोजाना सुबह अपने घर से निकलती हैं और देर शाम तक सैकड़ों लोगों की मदद करती हैं। ज्योति को अब सहारनपुर की गलियों में जरूरतमंद लोग जानने लगे हैं। उसकी स्कूटी की आवाज उनके लिए राहत देने वाली होती है। पत्रिका से बातचीत में ज्योति ने बताया कि जब लॉक डाउन शुरू हुआ था तो उसी दिन से उसने अपने मोहल्ले में सेवा शुरू कर दी थी।
धीरे-धीरे यह दायरा बढ़ता गया। ज्याेति के अनुसार एक दिन उसने मदद के दाैरान एक कमरे के मकान में अपनी अपाहिज बेटी के साथ भूखी बैठी मां काे देखा ताे इस घटना ने हृदय को झकझोर दिया। इसके बाद से ज्योति ने बीड़ा उठाया और अपनी सेवा को विस्तार देने के लिए लोगों की मदद मांगी। एक ही दिन में कई महिलाएं जुड़ गई।
इस सेवा में अब केएलजी पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल बबीता मलिक, अध्यापिका शीतल अराेड़ा, प्रियंका ग्राेवर, दिशा सेतिया, रूबी अराेड़ा, शीतल मल्हाैत्रा, प्रियंका ग्राैवर, स्वीटी अग्रवाल, उद्यमी अमन अराेड़ा, विधि बहल, दीपाली डाबर, भावना ताैमर, सीमा ठकराल, पारुल बुद्धिराजा, कुलदीप धमीजा समेत बड़ी संख्या में शहरवासी और महिलाएं ज्याेति की मदद कर रही हैं। ज्याेति के अऩुसार मुख्य रूप से पंडित अभिषेक कृष्णात्रे, रंजना नैब और पंडित प्रगीत काैशिक का भी उन्हे सहयाेग मिल रहा है।
ये हाेती है दिनचर्या ज्याेति के अऩुसार वह सुबह सात बजे वह अपनी स्कूटी लेकर घर से निकलती हैं। अलग-अलग मोहल्ले में महिलाएं पहले से ही रोटियां बना कर रखती हैं। उनसे राेटियों के पैकेट लेने के बाद वह इन पैकेट को जरूरतमंदों तक पहुंचाती हैं। सिर्फ इंसान ही नहीं ज्योति जानवरों का भी ध्यान रखती हैं। सुबह के समय वह जानवरों के लिए चारा लेकर भी आती हैं। यही वजह है कि अब उसकी स्कूटी की आवज काे जानवर भी पहचानने लगे हैं।