पाकिस्तान में थी भगत सिंह चौक बनवाने की तैयारी
सहारनपुर की आवास विकास कालोनी में रह रहे शहीद-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधु का कहना है कि भगत सिंह किसी एक देश के नहीं थे। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप को अंग्रेजों से आजाद कराने का बीड़ा उठाया था। उस समय पाकिस्तान और बांग्लादेश भी भारत का ही हिस्सा थे। यही कारण है कि पाकिस्तान में भी भारत की तरह उनके बहुत चाहने वाले हैं। पाकिस्तान में एक चौक हैं जहां पर फांसी घर था। वहां पहले जेल हुआ करती थी। अब वहां पर जेल टूट चुकी है और चौक बन गया है। उस समय पंजाब सरकार ने वहां पर भगत सिंह चौक बनाने की घोषणा भी कर दी। अब वहां जब ये चौक बनवाने की प्रक्रिया चल ही रही थी तो कुछ छोटी मानसिकता वाले जो आतंकी संगठन हैं उन्होंने कहा है कि शहीद भगत सिंह सिक्ख थे तो उनके नाम से यहां पर चौक क्यों बनवाया जाए। किरण जीत सिंह सिंधु का कहना है कि ये छोटी मानसिकता है। भगत सिंह की लड़ाई पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के लिए थी उन्हे जाति या धर्म में नहीं बांटा नहीं जा सकता।
भारत सरकार से आवाज उठाने की मांग
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधु ने कहा है कि पाकिस्तान में भगत सिंह के बहुत से अनुरागी हैं चाहने वाले हैं अनुयायी हैं। उन्होंने बताया कि कुलदीप नय्यर एक बार पंजाब गए और उन्होंने देखा कि वहां सिर्फ एक फोटो लगी थी शहीद-ए-आजम की तो बहुत खुश हए। इससे पता चलता है पाकिस्तान में उनके काफी समर्थक हैं। अब जिस संगठन ने शहीद-ए-आजम को उग्रवादी बताने की कोशिश की है उस विचारधारा को किरणजीत सिंह संधु ने संकीर्ण मानसिकता वाली विचारधारा बताते हुए कहा है कि ये वही अंग्रेजों वाली मानसिकता है जिसने हमारे देश को लंबे समय तक गुलाम बनाकर रखा लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लिया था भगत सिंह ने
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे किरण जीत सिंह संधु ने कहा है कि जो लोग ये कह रहे हैं कि भगत सिंह ने अंग्रेज अफसर की हत्या की थी तो वो जान लें कि भगत सिंह ने राष्ट्रीय अस्मिता के स्तर से उस अफसर से बदला लिया था। वो वही अफसर थे जिन्होंने लाला लाजपत राय को लाठी चार्ज करके मारा था। किरणजीत सिंह संधु ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान में रह रहे भगत सिंह के अनुयायी और भारत सरकार इस विचारधारा के विरोध में आवाज उठाएगी।