Year Ender 2020: यूपी की 10 प्रमुख शख्सियतें जिनका 2020 में हुआ निधन
( happy birthday atal bihari vajpayee ) सहारनपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को चीनी मिल के गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया गया था। अटल बिहारी वाजपेई उन दिनों 9 दिन तक यहां गेस्ट हाउस में ही रखे गए थे। इस दौरान उनके लिए पूर्व मंत्री मरहूम काजी रशीद मसूद के घर से खाना जाया करता था। उन दिनों देश भर में राम मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन चल रहा था। 1990 में लालकृष्ण आडवाणी रथ यात्रा निकाल रहे थे और इसी दौरान कार सेवकों से अयोध्या की ओर कूच करने के लिए आह्वान किया गया था। देशभर में आंदाेलन काे धार मिल रही थी।बिहार से पंजाब जा रही बस डिवाइडर में घुसी, पीछे से ट्रक ने मारी जोरदार टक्कर, हादसे में 13 यात्री घायल
इस आंदोलन की हवा को रोकने के लिए तत्कालीन सरकार ने सहारनपुर के सरसावा स्थित किसान कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री को जेल बना दिया था। इस अस्थाई जेल में उस समय देश-भर के कई शीर्ष नेताओं को रखा गया था। जिन 14 नेताओं को इस अस्थाई जेल में रखा गया था उनमें अटल बिहारी वाजपेई भी शामिल थे। 24 अक्टूबर 1990 को सभी नेताओं को यहां लाया गया था। लोगों को सिर्फ यही मालूम था कि देशभर के 14 शीर्ष नेता इस गेस्ट हाउस में रखे गए हैं लेकिन 28 अक्टूबर 1920 को तत्कालीन सरकार ने गुपचुप तरीके से दिल्ली से लाकर अटल बिहारी वाजपेई को भी इसी शुगर मिल सरसावा के गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया। अटल बिहारी वाजपेई अपने 14 अन्य साथियों के साथ 5 नवंबर 1920 तक यहां बंद रहे। इसके बाद उन्हें रिहा किया गया। यहां उन्हें करीब 9 दिन तक रखा गया। यह नजरबंदी इतनी अधिक थी कि उस समय उन्हें सहारनपुर के भी किसी नेता से मिलने नहीं दिया गया था।उस दौरान सहारनपुर के गेस्ट हाउस में भाजपा से सांसद रहे गुमानल लोढ़ा, बसंतराय, उस समय के विहिप अध्यक्ष विष्णु हरि डालमिया, जगतगुरु शंकराचार्य भानपुरा पीठ स्वामी दिव्यानंद तीर्थ, विहिप उपाध्यक्ष बीपी तोषनीवाल, केदारनाथ साहनी, उस समय के विहीप काेषाध्यक्ष अध्यक्ष पुल्ला रेड्डी, तिलक राज गुप्ता, अंजलि बहन, आरके गोयल जगत गुरु के शिष्य शिव कुमार और आरके गुप्ता