– 13 जनवरी की जांच में वैध बताया था
वन विभाग ने इसके पहले 13 जनवरी को राठौर बंगला पहुंचकर वन्यजीवों के अवशेषों से तैयार ट्रॉफियों से संबंध दस्तावेजों की जांच-पड़ताल की थी। वन विभाग के अनुसार राठौर बंगला में मौजूद ट्रॉफियों में बाघ, तेंदूआ, काले हिरण चौसिंगा, सांभर, चिकांरा आदि खाल, सींग व अन्य वन्यजीवों के अवशेषों से बनी ट्रॉफियां मिलीं थीं। टीम ने दोपहर एक से शाम 5.30 बजे तक दस्तावेजों का परीक्षण किया और सभी दस्तावेजों को वैध बताते हुए राठौर फर्म को क्लीनचिट दे दी, लेकिन 7 दिन बाद अब उन्हीं ट्रॉफियों को अवैध घोषित करते हुए जब्ती की कार्रवाई की गई है।
– कार्रवाई किस पर यह स्पष्ट नहीं
वन विभाग के अनुसार वर्ष 2003 में राठौर बंधुओं ने अलग-अलग नाम से ट्रॉफियों के पंजीयन कराए थे। इसमें वह लोग भी शामिल हैं, जिनका बीते सालों में देहांत हो गया है। वन विभाग का कहना है कि राठौर बंधुओं ने दस्तावेज मुहैया कराए हैं, जिनको लेकर जांच चल रही है। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद ट्रॉफियों को उनके वारिसों के नाम ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया गया होगा तो उसे वैध माना जाएगा। इस कार्रवाई में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि वन विभाग ने अब तक यह जानकारी नहीं दे रहा है कि उन्होंने मामला किसके खिलाफ पंजीबद्ध किया है।
– टीम ने जब्ती की कार्रवाई की है
राठौर बंगले में 34 ट्रॉफियां/आर्टिकल आदि ऐसे मिले हैं, जिनके वैध पंजीयन नहीं पाए गए। टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए ऐसी सभी ट्रॉफियों की जब्ती की है। दस्तावेजों के परीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। महेंद्र प्रताप सिंह, डीएफओ, दक्षिण वन मंडल