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इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से संचालित होंगी ट्रेनें, नया भवन हो रहा तैयार

यात्रियों को सुरक्षा के साथ ट्रेनों को मिलेगी रफ्तार, समय की होगी बचत जंक्शन पर अब

सागरJan 22, 2025 / 12:28 pm

sachendra tiwari

Trains will operate with electronic interlocking system, new building is getting ready

नया भवन हो रहा तैयार

बीना. रेलवे ट्रैक अब और सुरक्षित हाथों में होगा, कम्प्यूटर स्क्रीन के माध्यम से पूरे ट्रैक पर जंक्शन वाइज निगरानी की जाएगी। इससे असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसेगा साथ ही ट्रेनों को रफ्तार मिलेगी। बीना और इससे जुड़े रेलवे स्टेशन, भोपाल और दिल्ली की तरफ जाने वाली ट्रेनें इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से संचालित होंगी। बीना जंक्शन पर इसके लिए नया भवन बनकर तैयार हो रहा है।
अभी इस सिस्टम से चलाई जा रही हैं ट्रेनें
वर्तमान में आरआरआइ सिस्टम से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में रिले लगी हैं, ट्रेन को किस ट्रैक पर भेजना है वहां से तय किया जाता है, लेकिन इसके लिए रेलवे अधिकारियों के लिए पूरे समय चौकन्ना रहना पड़ता है। साथ ही अन्य स्टेशनों से भी सामंजस्य बनाना पड़ता है। वर्तमान में जो आरआइआइ जिस भवन से संचालित हो रहा है उसकी मियाद पूरी होने वाली है इसलिए नया भवन तैयार किया जा रहा है। इसे अगस्त तक चालू करने का प्लान है।
यार्ड रिमॉडलिंग, 10 प्लेटफार्म बनेंगे
बीना रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य भी किया जाना है। जिसमें स्टेशन पर दस प्लेटफार्म बनाए जाने हैं। इसके लिए डाउन व अप यार्ड पर काम की योजना तैयार की जा चुकी है और इसे टेंडर प्रक्रिया के लिए भेजा जा चुका है। स्टेशन पर चार और प्लेटफार्म बढ़ाए जाने के बाद किसी भी ट्रेन को आउटर पर नहीं रोका जाएगा। अभी कई बार ऐसा होता है कि प्लेटफार्म पर ट्रेन खड़ी होने पर उसी लाइन से आने वाली दूसरी ट्रेन को आउटर पर खड़ा करना पड़ता है। लेकिन प्लेटफार्म तैयार होने से यात्रियों के साथ ही ट्रेन के संचालन में भी सुविधा होगी।
ये होगा बदलाव
नए भवन और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में कम्प्यूटर स्क्रीन के माध्यम से पूरे ट्रैक पर नजर रखी जाएगी। अभी के मुकाबले रिले भी कम संख्या में होंगी, जिससे संचालन करने में भी कर्मचारियों को दिक्कत नहीं होगी। इसके बाद झांसी-बीना तीसरी लाइन को भी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा, रूट तेजी से क्लीयर होगा। वर्तमान में वंदे भारत, शताब्दी, राजधानी, कर्नाटक, केरला, आंध्रा जैसी तेज रफ्तार ट्रेनों को और गति मिलेगी।
संचालन में होगी सहूलियत
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से ट्रेनों के संचालन में सहूलियत होगी। अन्य जगहों पर भी इइ सिस्टम से संचालन की तैयारी है।

धर्मेन्द्र कुमार सिंह, प्रभारी जनसंपर्क अधिकारी, भोपाल

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