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पुष्पक एक्सप्रेस से कूदने के बाद यात्रियों की गई जान, रेलवे ने एडवाइजरी की जारी

किसी भी अफवाह को सच मान लेना पड़ सकता है जान पर भारी

सागरJan 25, 2025 / 12:16 pm

sachendra tiwari

ट्रेन में चढ़ते यात्री

बीना. ट्रेन में यात्रा के दौरान एक अफवाह से जान जा सकती है, इसलिए यात्रा के समय किसी भी बात को सच मान लेना ठीक नहीं है। दो दिन पहले पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की सूचना ने 13 यात्रियों की जान ले ली। इसके बाद रेलवे ने एडवायजरी जारी की है कि ट्रेन में कई असामाजिक तत्व व यात्री कुछ भी बात बोलते हैं, तो उसपर तुरंत विश्वास न करें, नहीं तो बड़ी घटना भी हो सकती है।
दरअसल दो दिन पहले पुष्पक एक्सप्रेस मुंबई की ओर जा रही थी, तभी रास्ते में किसी चाय बेचने वाले वेंडर ने टे्रेन में आग लगने की बात कही, जिसके बाद यात्री आनन-फानन में नीचे उतरकर पटरी पर खड़े हो गए थे और सामने से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए थे, लेकिन इस प्रकार की अफवाह ट्रेनों में कभी भी सामने आ जाती हैं और यात्री जान की परवाह किए बिना ही कभी टे्रन से कूद जाते हैं, तो कभी तेज रफ्तार ट्रेन को चैन पुलिंग करके रोकने का प्रयास करते हैं, लेकिन इस प्रकार की स्थिति में कई बार यात्रियों की गलती से उनकी जान भी चली जाती है। इसके लिए रेलवे ने एडवायजरी जारी कि है कि कोई भी यात्री यात्रा के दौरान किसी की भी बात को सच मानकर कोई निर्णय न लें। हमेशा यात्रा के दौरान सजग रहे। दरअसल ऐसी घटनाएं जनरल कोच के यात्रियों के साथ ज्यादा होती हैं, क्योंकि भीड़ ज्यादा होने के कारण कोई भी बात एक दूसरे यात्री तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाती हैं।
कुशीनगर एक्सप्रेस में बम होने की सूचना पर भी ट्रेन से कूद गए थे यात्री
कुछ समय पहले बीना-भोपाल लाइन पर स्टेशन के करीब बीस किलोमीटर पहले किसी यात्री ने अग्निशमन यंत्र चला दिया था, जिससे ट्रेन में धुआं भर गया था और यात्रियों में अफवाह फैल गई थी कि उसमें बम है, जिसके बाद ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका गया था, यहां पर भी कुछ यात्री तो टे्रन से कूद गए थे, जिन्हें चोटें आई थीं, तो कुछ रेलवे ट्रैक पर खड़े हो गए थे, जहां इसी प्रकार की घटना होते-होते बची थी।

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