बसों में मुश्किल से 8-10 यात्री ही आए नजर
सागर•Sep 25, 2020 / 07:25 pm•
anuj hazari
Passengers are not getting even after running buses at full capacity, increased concern of bus operators
बीना. जब तक बस ऑपरेटरों का टैक्स माफ नहीं हुआ था तब तक माना जा रहा था कि बस सेवा शुरू नहीं होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है, लेकिन ठीक उसी समय बस संचालकों ने भी कहा था कि यदि अब बस शुरू हो भी गईं तो खर्चा निकलना भी मुश्किल हो जाएगा और हुआ भी कुछ ऐसा ही कि बस तो शुरू हो गई हैं लेकिन उनके लिए पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं। दरअसल जैसे ही अब कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है वैसे ही लोगों के मन में डर का महौल पैदा हो रहा है। आलम यह है कि जो भी बस अभी चल रही हैं वह पूरी क्षमता के साथ चलाई जा रही हैं, लेकिन उनके लिए पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल रहे हैं। यही कारण है बस संचालक भी एक रूट पर एक ही बस चला रहे हैं और यदि यात्री मिलते है तो अन्य बस चलाईं जाती हैं नहीं तो बस खड़ी करने में उन्हें नजर आ रहा फायदा है। शुक्रवार को जितनी भी बस शहर से निकलीं उन बसों में मुश्किल से 8-10 यात्री ही नजर आए, जबकि सामान्य दिनों में उन्हीं बसों में पैर रखने के लिए तक जगह नहीं मिलती थी।
डीजल खर्च निकलना भी मुश्किल
यदि कोई बस सागर से बीना तक आती है तो उसमें करीब 22 से 24 सौ रुपए का डीजल खर्च आता है। इसके अलावा अन्य खर्च भी शामिल रहते हैं, लेकिन अभी इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए यात्रियों को बस में सुरक्षा होने का हवाला दिया जाता है, ताकि लोग निडर होकर यात्रा कर सके। फिर भी यात्री नहीं मिल रहे हैं।
स्वयं के वाहन होना बना बड़ा कारण
लंबी दूरी को छोड़कर ऐसा बिल्कुल नहीं है कि लोग यात्रा नहीं कर रहे हंै। दरअसल लोगों के पास स्वयं के साधन हो जाने के कारण वह भी सुरक्षित रूप से यात्रा करना चाहते हैं, जिसके कारण बस खाली चल रही हंै।
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