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एनएच 44 जिले में एड्स का हाइवे, फोरलेन से लगे 3 स्थान बने रेड स्पॉट

असुरक्षित शारीरिक संबंध प्रमुख कारण, संक्रमितों में 45 प्रतिशत युवा, चार साल में ढाई गुना बढ़े एड्स संक्रमित, कोरोना के बाद स्थिति हुई बदतर

सागरOct 22, 2024 / 12:36 pm

Murari Soni

सागर. मालथौन से लेकर देवरी तक एनएच 44 जिले में एड्स का हाइवे बन गया हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 3 रेड स्पॉट भी चिन्हित किए हैं, जो कि हाइवे से लगे हैं। संभाग में एड्स संक्रमण तेजी से फैल रहा है, कोरोना के बाद स्थिति और बदतर हो गई है। पिछले चार साल में एचआइवी संक्रमितों की संख्या करीब ढाई गुना बढ़ गई है। संक्रमितों में 45 प्रतिशत युवा शामिल हैं। महिला-पुरुष व नवजात भी अछूते नहीं हैं। हालात ये हैं कि संभाग में हर दिन 1 नया मरीज सामने आ रहा है। सागर की स्थिति ज्यादा खराब है, जहां 60 प्रतिशत मरीज रह रहे हैं। वहीं संक्रमण का प्रमुख कारण असुरक्षित शारीरिक संबंध है। 80 प्रतिशत संक्रमितों ने कबूला है कि उन्होंने बिना सुरक्षा उपाय के फिजीकल रिलेशन बनाए, जबकि 20 प्रतिशत दुधमुंहे बच्चे हैं, जिन्हेँ जाने-अनजाने में माता-पिता से यह बीमारी मिली है। राहत की बात सिर्फ यह है कि 13 साल में संक्रमित सुई से एचआइवी का कोई केस सामने नहीं आया।
कोरोना के बाद ऐसे बढ़े एड्स संक्रमित-

वर्ष मरीज पुरुष महिला2024 409 238 1712023 345 205 1402022 307 191 1162021 240 147 932020 182 142 66

यह 3 क्षेत्र रेड स्पॉट-

हर माह सामने आ रहे 30 नए केस में सबसे ज्यादा संक्रमित सागर के हैं। सागर से सटे एक गांव में 20 से अधिक संक्रमित हैं। विभाग ने हाइवे से लगे मालथौन, देवरी और सागर से लगे बेल्ट को रेड स्पॉट चिन्हित किया है, हाइवे पर वैश्यावृत्ति इसका प्रमुख कारण बताया जा रहा है। इन क्षेत्रों में काउंसलर लोगों से एड्स की जांच कराने का आग्रह कर रहे हैं। सागर शहर के अंदर भी अलग-अलग मोहल्लों में मरीजों की भरमार है।

नवजात को बचाया जा सकता है-

बीएमसी एआरटी सेंटर के काउंसलर अनुपम बोहरे ने बताया कि आधुनिक दवाओं से एड्स के वायरस का वायरल लोड कम किया जा सकता है, जिससे गर्भवती माता से नवजात में वायरस जाने से रोका जा सकता है। संक्रमित एआरटी सेंटर में परामर्श लें, उन्हें दवाएं दी जाएंगी और एड्स पीडि़त महिला भी स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है।

फैक्ट फाइल-

3200 संक्रमित संभाग में दर्ज

1900 पुरुष

1300 महिलाएं

30 केस हर माह सामने आ रहे

40 गर्भवती प्रतिवर्ष संक्रमण की चपेट में आ रहीं

2000 से ज्यादा पीडि़त सागर के
615 की मौत हो चुकी

45 प्रतिशत 25 से 40 वर्ष के युवा

80 प्रतिशत संक्रमण असुरक्षित संबंध

20 प्रतिशत केस में माता-पिता बच्चों को दे रहे बीमारी

समलैंगिकता से अछूता नहीं सागर-

सागर के जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, देवरी, बीना, मालथौन में एड्स की जांच के लिए आइसीपीसी सेंटर चल रहे हैं। हर माह करीब 3000 जांचें हो रहीं हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो सागर में आम कपल के अलावा महानगरों की तरह समलैंगिक जोड़ा भी जांच कराने पहुंच रहे हैं, कुछ केस में वह भी एड्स संक्रमित निकले हैं।
-लोगों में एचआइवी संक्रमण को लेकर जागरूकता आई है, परीक्षण केंद्रों का विस्तार हुआ है। लोग ज्यादा टेस्ट करा रहे हैं इसलिए मरीज ज्यादा सामने आ रहे हैं। मालथौन, देवरी के बीच हाइवे से लगी तीन क्षेत्र चिन्हित हैं, जहां ज्यादा केस हैं। गर्भवती महिलाएं स्वेच्छा से जांच कराएं, संक्रमण होने पर भी नियमित दवाओं से बच्चे को बीमारी से बचाया जा सकता है।
डॉ. ज्योति चौहान, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं।

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