सागर

हथकड़ी से हथकरघा की ओर बढ़े हाथ

आचार्य विद्यासागर ने हथकरघा संगोष्ठी में व्यक्त किए विचार

सागरFeb 18, 2019 / 01:26 am

Atul sharma

हथकड़ी से हथकरघा की ओर बढ़े हाथ

सागर. संयम की राह पर चलने वाला व्यक्ति समाज में वन्दनीय हो जाता है। विगत दो दिनों से हथकड़ी से हथकरघा की ओर बढ़ रहे हाथों की चर्चा है। जिसका शंखनाद केन्द्रीय जेल सागर से हुआ और पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। ख़ुद को खुदा बनाने के लिए संयम रूपी डंडा लगाना पड़ता है। जिस प्रकार दूध में घी दिखाई नहीं देता किंतु मंथन करने के उपरांत घी का स्वरूप बनने लगता है। यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में आयोजित राष्ट्रीय हथकरघा संगोष्ठी के समापन के अवसर पर कही।
उन्होंने कहा युवा पीढ़ी को हस्तक्षेप की बजाय हस्तकला में निपुण बनना होगा। कभी कभी अनावश्यक हस्तक्षेप हमें हथकड़ी पहनने पर मजबूर कर देता है। हथकरघा से बने वस्त्र पहनने से हम न्याय व शांति प्रिय बन जाते हैं। संगोष्ठी के दूसरे दिन का शुभारंभ मध्यप्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शासन की पर्यटन बेबसाईट पर आचार्य प्रकल्पों मंदिर व हस्तकला केन्द्रों को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा।

हथकरघा से बने वस्त्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
ब्रह्मचारी संजीव भैया ने कहा कि हथकरघा के वस्त्र मंहगे हो सकते हैं लेकिन आपके स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं हैं। आदिवासी इलाक़ों दिलों में चल चरख़ा प्रशिक्षण का कार्य देख रहीं। नीरज दीदी ने कहा कि आचार्य श्री की भावना है कि हम ग्रामीणों की बात सुने व उनके विकास के लिए हर संभव प्रयास करें, इसी भावना से 1999 में प्रतिभामंडल का उदय हुआ, जिसमें आज 300 बहने समर्पण भाव से कार्य कर रही है। तीन राज्यों में पांच आवासीय कन्या विद्यालयों प्रतिभा स्थली के माध्यम से 1200 छात्राओं को सी बी एस ई हिंदी माध्यम से संस्कारित शिक्षा दी जा रही है।
सकारात्मक बदलाव
केन्द्रीय जेल सागर के जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने जेल में हथकरघा की स्थापना व विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आचार्य महाराज की कृपा से जो सकारात्मक बदलाव हमारे बंदी भाईयों में आया है उसे देखकर विभिन्न जेलों के अधिकारियों ने सराहा एवं अनुसरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सागर जेल में रात्रि भोजन का निषेध हो गया जिससे बंदियों के स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है।
ये रहे मौजूद: न्यायाधीश अरविंद जैन, एम के जैन, शुभम् मोदी, जेलर मदन कमलेश, डिप्टी जेलर नागेन्द्र चौधरी, प्रभात जैन मुंबई, राजा भाई सूरत, महेश, मुकेश जैन ढाना, प्रकाश, आनंद, दिनेश, वीरेन्द्र मालथौन , डॉ. नीलम जैन आदि।

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