script200 से अधिक पंडालों में विराजीं मां जगदंबे, अखंड ज्योत हुई प्रज्ज्वलित | Mother Jagadamba was enthroned in more than 200 pandals, the eternal flame was lit | Patrika News
सागर

200 से अधिक पंडालों में विराजीं मां जगदंबे, अखंड ज्योत हुई प्रज्ज्वलित

शक्ति की साधना और उपासना का पर्व नवरात्रि गुरुवार को शुरू हो गया है। शहर के 200 से अधिक पंडालों में मां जगदंबे की स्थापना की गई। पहले दिन घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री का पूजन का हुआ। माता के मंदिरों में भक्तों की कतार लगीं।

सागरOct 04, 2024 / 04:36 pm

Rizwan ansari

पुरव्याउ टौरी पर सबसे प्रसिद्ध कंधे वाली काली की स्थापना हुई

पुरव्याउ टौरी पर सबसे प्रसिद्ध कंधे वाली काली की स्थापना हुई

घट स्थापना के साथ माता के मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

सागर. शक्ति की साधना और उपासना का पर्व नवरात्रि गुरुवार को शुरू हो गया है। शहर के 200 से अधिक पंडालों में मां जगदंबे की स्थापना की गई। पहले दिन घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री का पूजन का हुआ। माता के मंदिरों में भक्तों की कतार लगीं। चकराघाट स्थित मां शीतला मंदिर, बीजासेन मंदिर, बाघराज मंदिर, महाकाली मंदिर चमेली चौक, मां सिंहवाहिनी मंदिर विजय टॉकीज, परकोटा, हरसिद्धि मंदिर सिविल लाइन सहित अन्य मंदिरों में सुबह से ही मातारानी का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भीड़ रही, जो दोपहर तक जारी रही। शाम को मंदिरों में भक्तों ने माता रानी के समक्ष दीप रखकर आराधना की गई। मां दुर्गा के पंडालों में भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ देवी प्रतिमाओं की स्थापना कर जवारे बोए। घरों में मां के चित्र का पूजन कर जवारे बोकर माता रानी का पूजन किया। इन नौ दिनों में भक्त व्रत रखकर मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना करेंगे। पंडालों एवं देवी मंदिरों में नौ दिन तक भजन-कीर्तन के साथ जगराता होगा। कई स्थानों से मां की चुनरी यात्रा निकाली जाएगी।
मां का शैलपुत्री स्वरूप में हुआ श्रृंगार
मोहन नगर वार्ड में विराजी काली जी भैया जी वैद्य की गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में वैदिक मंत्रों के साथ घटस्थापना कर प्रतिमा विराजमान की गई। पहले दिन मां का शैलपुत्री स्वरूप में श्रृंगार हुआ। रात 8 बजे माता रानी की संध्या आरती कर प्रसादी वितरण किया गया। रात 1 बजे मां की शयन आरती हुई। इसके बाद द्वितीय दिवस का माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप में श्रृंगार होगा।
कंधे वाली काली की हुई स्थापना
पुरव्याउ टौरी पर सबसे प्रसिद्ध कंधे वाली काली की स्थापना की गई। इस वर्ष 120वें वर्ष माता की स्थापना हुई । भक्तों में चल माई काली के जयकारे लगाए। माता की स्थापना के साथ पूरा पंडाल रोशनी से जगमग हो उठा है। शहर में तीनबत्ती, माता मढिय़ा, बड़ी माता, सराफा बाजार आदि क्षेत्रों में माता की स्थापना की गई है। पूरा शहर रोशनी से जगमग हो गया है।

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