व्यापारी संघ अध्यक्ष अरविंद बरया ने बताया कि उनकी किराना दुकान 1955 में खुल गई थी और इसके पहले से भी बड़ी बजरिया में दुकानें थीं। इस बाजार और यहां के व्यापारियों पर लोगों को भरोसा है, जिससे आज भी सबसे ज्यादा व्यापार यहां होता है। बाजार की खास बात यह है कि जरूरत का हर सामान उपलब्ध है।
व्यापारियों का कहना है कि मुख्य बाजार होने के कारण यहां भीड़ ज्यादा रहती है और इस दौरान अस्थायी अतिक्रमण मुसीबत बनता है। हाथ ठेला या सड़क पर लगने वाली अस्थायी दुकानों के कारण लोगों को पैदल निकलने में भी परेशानी होती है।