एक गैस टैंकर में 18 टन गैस होती है, जिसमें 1800 घरेलु गैस सिलेंडर भरे जा सकते हैं। यदि एक सिलेंडर फटता है, तो मकान की दीवारें तक गिर जाती है और यदि टैंकर फटेगा, तो क्या हश्र होगा।
बीना रिफाइनरी से गोंडा गैस टैंकर लेकर जा रहे है चालक मोहम्मद कय्यूम ने बताया कि जयपुर में हुए हादसे में रुटर गेट टूटने की जानकारी है, जहां से गैस का लेवल चैक करते हैं। इसके टूटने पर समय रहते शेफ्टी किट में रखी लकड़ी को यहां हथौड़े से लगाना पड़ती है, जिससे गैस का रिसाव रुक सके। उन्होंने बताया कि गैस टैंकर चालकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता, जिससे गैस रिसाव जैसी स्थिति होने पर काबू पाया जा सके। गाड़ी में सेफ्टी किट होती है और दो बड़े और एक छोटा अग्निशमन यंत्र होता है।
नियमानुसार गैस टैंकर में चालक और एक सहायक होना चाहिए, जिससे कोई हादसा होने पर बचाव के प्रयास किया जा सकें, लेकिन यहां से निकलने वाले कई टैंकरों में सिर्फ चालक ही रहता है। इस ओर प्रबंधन भी ध्यान नहीं दे रहा है।
जयपुर में हुई घटना के बाद रिफाइनरी में सेफ्टी ऑडिट की गई है और यहां सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कहीं भी टैंकर पलटने की स्थिति होने पर तत्काल फायर सेफ्टी टीम को मौके पर भेजा जाता है, जिससे बड़ा हादसा न हो सके। साथ ही गैस टैंकर चालकों को हिदायत दी गई है कि वह सिर्फ चिंहित जगहों पर ही खड़े हों। यदि टैंकर तय रुट की जगह शहर से जा रहे हैं, तो इस संबंध में जांच की जाएगी। साथ ही टैंकर में चालक के साथ एक सहायक के होने का भी नियम है।
केपी मिश्रा, सीनियर मैनेजर, एचआर
गैस या केमिकल टैंकर में रिसाव के दौरान क्या सुरक्षा अपनाई जाए, इस संबंध में फायर एंड सेफ्टी के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर अभिनय चौबे का एक्सपर्ट व्यू।
- वाहन चालकों को नियमित रूप से कंपनी तथा ट्रैफिक पुलिस के माध्यम से आपात सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाए।
- भारी वाहनों में हमेशा सर्टिफाइड फास्र्ट एंड किट का बॉक्स होना चाहिए।
- भारी वाहनों में, छोटी आग बुझाने के लिए, फायर एक्सटिंग्विशर होना चाहिए।
- सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान एक्सपर्ट, चालकों को प्रशिक्षित करें।
- एलपीजी और केमिकल के टैंकरों में आपातकाल, दुर्घटना के समय सबसे पहली संभावना रिसाव की बनती है, इसलिए सभी टैंकरों में रिसाव किट का रखा जाना अनिवार्य होता है।
- एग्जॉस्ट पाइप, स्पाकज़् अरेस्टर, वायरिंग, इंजन स्टार्टअप, प्रेशर गेज कवर, टैम्परेचर गेज, सेफ्टी वाल्व कंडीशन, केविन चेसिस अर्थिंग, बैलेट चेसिस अथिंज़्ग की नियमित जांच होना चाहिए।