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शहर के रास्तों से हर दिन निकल रहे पचास एलपीजी के टैंकर, एक के फटने से हो सकती है बड़ी तबाही

जयपुर की घटना के बाद रिफाइनरी में हुई सेफ्टी ऑडिट, बढ़ाई निगरानी

सागरDec 22, 2024 / 12:09 pm

sachendra tiwari

Fifty LPG tankers are passing through the city roads every day.

शहर के आंबेडकर तिराहा से मुड़ता टैंकर

बीना. जयपुर में हाइवे पर एक एलपीजी टैंकर के फटने से कई वाहन जल गए और लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद यहां स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट होने की जरूरत है, क्योंकि रिफाइनरी से हर दिन चालीस से पचास गैस टैंकर निकलते हैं। कुछ टैंकर अभी भी शहर के पास से निकल रहे है, जिससे हादसों का डर बना हुआ है। यदि एक टैंकर भी फट गया, तो बीना शहर गायब हो जाएगा।
रिफाइनरी से निकलने वाले गैस टैंकरों को शहर के बाहर दूसरे रास्तों से निकालने के आदेश हैं, लेकिन अभी भी आगासौद रोड से आंबेडकर तिराहा होते हुए मालथौन हाइवे के लिए टैंकर निकल रहे हैं। आंबेडकर तिराहा पर जगह कम होने के कारण यहां हादसों का डर हर दिन बना रहता है। यदि यहां टैंकर पलटा और गैस लीक हुई, तो पूरा शहर चपेट में आ जाएगा। साथ ही गैस इतनी तेजी से फैलती है कि उसपर काबू पाना भी मुश्किल हो जाता है।
18 टन गैस होती है टैंकर में
एक गैस टैंकर में 18 टन गैस होती है, जिसमें 1800 घरेलु गैस सिलेंडर भरे जा सकते हैं। यदि एक सिलेंडर फटता है, तो मकान की दीवारें तक गिर जाती है और यदि टैंकर फटेगा, तो क्या हश्र होगा।
जयपुर में टूटा था रूटर गेट
बीना रिफाइनरी से गोंडा गैस टैंकर लेकर जा रहे है चालक मोहम्मद कय्यूम ने बताया कि जयपुर में हुए हादसे में रुटर गेट टूटने की जानकारी है, जहां से गैस का लेवल चैक करते हैं। इसके टूटने पर समय रहते शेफ्टी किट में रखी लकड़ी को यहां हथौड़े से लगाना पड़ती है, जिससे गैस का रिसाव रुक सके। उन्होंने बताया कि गैस टैंकर चालकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता, जिससे गैस रिसाव जैसी स्थिति होने पर काबू पाया जा सके। गाड़ी में सेफ्टी किट होती है और दो बड़े और एक छोटा अग्निशमन यंत्र होता है।
टैंकर में दो की जगह सिर्फ एक व्यक्ति
नियमानुसार गैस टैंकर में चालक और एक सहायक होना चाहिए, जिससे कोई हादसा होने पर बचाव के प्रयास किया जा सकें, लेकिन यहां से निकलने वाले कई टैंकरों में सिर्फ चालक ही रहता है। इस ओर प्रबंधन भी ध्यान नहीं दे रहा है।
रिफाइनरी में की गई सेफ्टी ऑडिट
जयपुर में हुई घटना के बाद रिफाइनरी में सेफ्टी ऑडिट की गई है और यहां सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कहीं भी टैंकर पलटने की स्थिति होने पर तत्काल फायर सेफ्टी टीम को मौके पर भेजा जाता है, जिससे बड़ा हादसा न हो सके। साथ ही गैस टैंकर चालकों को हिदायत दी गई है कि वह सिर्फ चिंहित जगहों पर ही खड़े हों। यदि टैंकर तय रुट की जगह शहर से जा रहे हैं, तो इस संबंध में जांच की जाएगी। साथ ही टैंकर में चालक के साथ एक सहायक के होने का भी नियम है।
केपी मिश्रा, सीनियर मैनेजर, एचआर
एक्सपर्ट व्यू
गैस या केमिकल टैंकर में रिसाव के दौरान क्या सुरक्षा अपनाई जाए, इस संबंध में फायर एंड सेफ्टी के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर अभिनय चौबे का एक्सपर्ट व्यू।

  1. वाहन चालकों को नियमित रूप से कंपनी तथा ट्रैफिक पुलिस के माध्यम से आपात सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाए।
  2. भारी वाहनों में हमेशा सर्टिफाइड फास्र्ट एंड किट का बॉक्स होना चाहिए।
  3. भारी वाहनों में, छोटी आग बुझाने के लिए, फायर एक्सटिंग्विशर होना चाहिए।
  4. सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान एक्सपर्ट, चालकों को प्रशिक्षित करें।
  5. एलपीजी और केमिकल के टैंकरों में आपातकाल, दुर्घटना के समय सबसे पहली संभावना रिसाव की बनती है, इसलिए सभी टैंकरों में रिसाव किट का रखा जाना अनिवार्य होता है।
  6. एग्जॉस्ट पाइप, स्पाकज़् अरेस्टर, वायरिंग, इंजन स्टार्टअप, प्रेशर गेज कवर, टैम्परेचर गेज, सेफ्टी वाल्व कंडीशन, केविन चेसिस अर्थिंग, बैलेट चेसिस अथिंज़्ग की नियमित जांच होना चाहिए।

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