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सागर

धूमधाम से निकलेगी भोले की बारात, लगेगा भक्तों का मेला

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की संगीतमय प्रस्तुति जयपुर के कलाकारों द्वारा दी जाएगी।

सागरFeb 11, 2018 / 05:17 pm

रेशु जैन

Dances ghost-vampire In the marriage of Lord Shiva

Dances ghost-vampire In the marriage of Lord Shiva

सागर. महाशिवरात्रि पर बहेरिया स्थित शिव मंदिर में भक्तों का मेला लगेगा। १३ फरवरी को मंदिर से सुबह ९.३० बजे बारात निकाली जाएगी। दोपहर १२ बजे विवाह होगा। कमेटी सदस्य अरविंद ठाकुर ने बताया कि तीन बजे से भजन संध्या का आयोजन होगा। शाम ५.३० से जय-जय श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की संगीतमय प्रस्तुति जयपुर के कलाकारों द्वारा दी जाएगी।
होगा शिव-पार्वती विवाह
श्री देव भूतेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर शिव पार्वती विवाह का आयोजन होगा। शनिवार को रविशंकर वार्ड में आयोजित बैठक में समिति के सदस्य दीपक मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम के लिए कमेटी का गठन किया गया है। संरक्षक पं. विभुवन मिश्रा एवं कामता तिवारी को बनाया गया है।

इस वर्ष महाशिवरात्रि 13 को या 14 फरवरी को मनाई जाए, इसमें अभी दुविधा है। क्योंक? शिवरात्रि ि व्रत पूजा हर माह के कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, जिसे मास शिवरात्रि कहते हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि में चंद्रमा सूर्य के समीप होता है। अत: इसी समय जीवन रूपी चंद्रमा का शिवरूपी सूर्य के साथ योग मिलन होता है। इस चतुर्दशी को शिवपूजा करने से लोगों को शुभ फल मिलते हैं।
कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर्व परमात्मा शिव के दिव्य अवतरण का मंगल पर्व है। उनके निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विकारों से मुक्त करके परम सुख, शांति और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। स्कंदपुराण में है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को उपवास करना चाहिए, वह तिथि सर्वोत्तम है। महाशिवरात्रि के दिन ऋषि मुनियों और विद्वानों द्वारा निशा काल में पूजन का विधान बताया गया है, जो चार पहर का करना चाहिए। चार पहर का पूजन प्रदोष काल से प्रारंभ कर के प्रात: काल ब्रह्म मूहुत्र्त तक होता है।
माना जा रहा है कि इस वर्ष 13 फरवरी- 2018 को विद्वानों, ऋषि मुनियों और पढऩे वाले बालक-बालिकाओं को करना चाहिए, क्योंकि यह दिन त्रयोदशी तिथि और प्रदोष व्रत से युक्त है। अत: यह व्रत प्रदोष व्रत में मान्य होगा न कि शिवरात्रि में मान्य होगा, क्योंकि इस दिन निशा काल तक त्रयोदशी तिथि है।

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