ठगों के सीज किए बैंक खातों में मोबाइल नंबर बंगाल तो आधारकार्ड बिहार का लगा
10 माह में ऑनलाइन ठगी के 600 मामले आए सामने – अलग-अलग राज्यों से मामला जुडऩे के कारण आरोपियों को ट्रेस नहीं कर पा रही पुलिस
तकनीक का उपयोग कर लोगों की निजी जानकारी चुराने और उसके बाद साइबर फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी करने वाले बदमाशों तक पहुंचना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। जिले के 32 थाने और 27 पुलिस चौकियों में पिछले 11 माह में ऑनलाइन धोखाधड़ी के करीब 600 मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुछ मामलों में आरोपियों ने जिस बैंक खाते में रुपए लिए हैं वह सीज भी करा दिए हैं, लेकिन जब उन खातों की पड़ताल की तो पता चला कि उसमें मोबाइल नंबर और आधार कार्ड अलग-अलग प्रदेशों के लोगों के लगे हैं। जैसे किसी में मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल का तो पता चला कि आधार बिहार के किसी गांव का है। ऐसी स्थिति बनने के कारण पुलिस ठगी का शिकार हुए लोगों को उनकी राशि भी वापस नहीं करा पा रही है।
इन 7 राज्यों में बदमाश सक्रिय
पुलिस के अनुसार अब तक सामने आए साइबर ठगी के मामलों में आरोपी मध्यप्रदेश से बाहर के हैं। इसमें सबसे ज्यादा बिहार, राजस्थान, झारखंड, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मुंबई आदि राज्यों में बैठकर ज्यादा ठगी की जा रही है। यह तकनीक का उपयोग कर डाटा चोरी करते हैं और इसके बाद देश में बैठकर विदेश नंबर से फोन कर लोगों के साथ ठगी करते हैं। इसमें भी अब वह मोबाइल की जगह एप का उपयोग कर रहे हैं। जिसके कारण उन्हें ट्रेस करना आसान नहीं होता।
इस तरह के मामले सबसे ज्यादा
अपराधों में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सबसे ज्यादा बढ़ रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम, मनी ट्रांसफर, डेटिंग फ्रॉड, ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग, अकाउंट हैकिंग, इंटरनेट के माध्यम से लॉटरी जीतने का फर्जी संदेश, केवायसी के फर्जी मैसेज भेजकर लोगों को ठगा जा रहा है।
पिछले साल से ज्यादा मामले आ रहे
जिले में साइबर फ्रॉड के मामले पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा हुए हैं। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अनुसार वर्ष 2023 में साइबर ठगी की शिकायतों का आंकड़ा 600 के आसपास था, लेकिन यहां साल पूरा होने के पहले ही 11 माह में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 600 के पार पहुंच गई है।
जागरुकता ही बचाव है
पिछले तीन-चार साल में साइबर फ्रॉड के मामले ज्यादा बढ़े हैं। इसके पीछे की वजह तकनीक का विकसित होना और बिना जानकारी रखे लोगों द्वारा शेयर ट्रेडिंग, ऑनलाइन गेम, शॉपिंग, अजनबी लिंक को खोलना और असुरक्षित एप को डाउनलोड करना है। ठग तकनीकि रूप से मजबूत हो गए हैं, जिन्हें ट्रेस करना आसान नहीं है। साइबर ठगी से बचने लोगों को खुद को जागरूक होना बहुत जरूरी है। व्यक्ति अपनी गलती के कारण ही ठगा जाता है।
शीतांशु राजौरिया, साइबर, एक्सपर्ट
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