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एआई से मिलेगी बेमौसम बारिश- बाढ़ और सूखे का सटीक जानकारी, जलवायु मॉडल बनाने की हो रही तैयारी

भारत मौसम विभाग (आइएमडी) देश में बेमौसम बारिश, बाढ़ और सूखे को देखते हुए मौसम पूर्वानुमान में सुधार लाने के लिए ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का सहारा लेगा। एआई आधारित जलवायु मॉडल बनाने के लिए परीक्षण किया जा रहा है।

सागरSep 16, 2024 / 11:20 am

रेशु जैन

mosam

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भारत मौसम विभाग के प्रयोग से किसानों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

सागर. भारत मौसम विभाग (आइएमडी) देश में बेमौसम बारिश, बाढ़ और सूखे को देखते हुए मौसम पूर्वानुमान में सुधार लाने के लिए ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का सहारा लेगा। एआई आधारित जलवायु मॉडल बनाने के लिए परीक्षण किया जा रहा है। दुनिया भर की मौसम एजेंसियां एआई पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जो लागत को कम कर सकती है और गति में सुधार ला सकती है। यह मौसम की भविष्यवाणी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
तीन माह पहले की होगी भविष्यवाणी
सागर मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक विवेक छलोत्रे ने बताया कि एआई कंप्यूटर पर आधारित मॉडल है। इसमें अधिक से अधिक डाटा का इस्तेमाल करके हम मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगा सकते है। इससे तीन माह पहले तक हम भविष्यवाणी कर पाएंगे। सटीक जानकारी मिलने से बिजली कड़कने जैसे घटनाओं की पहले जानकारी होगी। आंधी-तूफान की तीन माह पहले से भविष्यवाणी होने से फसलों के नुकसान से बच सकेंगे। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां हर वर्ष आंधी-तूफान फसलें तवाह कर देता है, लेकिन अब इसे रोका जा सकेगा।
सागर में भी लेंगेगे डॉप्लर वेदर रडार
मौसम वैज्ञानिक छलोत्रे ने बताया कि दुनियाभर में एआई तकनीक का मौसम में प्रयोग शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग में ग्राफिकल प्रोसेसर-आधारित सर्वर पर एआई मॉडल के प्रशिक्षण और एक वर्चुअल वर्कस्पेस स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि मौसम में सुधार के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। नई तकनीक आने के बाद भी सागर में कुछ वर्षों में संसाधन अपडेट हो जाएंगे। यहां भी मौसम की सटीक जानकारी के लिए डॉप्लर वेदन सिस्टम लगने की संभावना है।
संभावना नहीं सटिक जानकारी मिलेगी
कृषि वैज्ञानिक केएस यादव में बताया कि अभी वर्तमान में आइएमडी हमें अगले तीन घंटे में आंधी-बारिश की संभावना बताता है, लेकिन एआई से संभावना बल्कि सटीक जानकारी मिलेगी। उससे यह जानकारी मिलेगी कि जिले के किस इलाके में बारिश होगी। इससे खेती के लाभ होगा। किसान फसलों की तैयारी मौसम के अनुसार करेंगे। इसके साथ ही यह भी बता चलेगा कि आने वाले समय में सिंचाई कितनी मात्रा में करना है। सटीक जानकारी से किसानों का सबसे अधिक फायदा होगा।

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