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कृषि वैज्ञानिक ने देखी प्रभावित फसल, किसानों को प्रयोगशाला में जांच कराने दी सलाह

ग्रामीणा का आरोप, रिफाइनरी से निकलने वाली गैस से फसलों को हुई हा हानि

सागरJan 09, 2025 / 12:05 pm

sachendra tiwari

Agricultural scientist saw the affected crop, advised farmers to get it tested in the laboratory.

फसल की जांच करते हुए

बीना. रिफाइनरी के आसपास की फसलें अचानक सूखने का मामला सामने आने पर किसानों ने रिफाइनरी से निकलने वाली किसी गैस या केमिकल का असर बताया है। इसके बाद बुधवार को कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग के उप संचालक ने फसलों का निरीक्षण किया।
उन्होंने बिल्धई बुजुर्ग, मूडरी के खेतों में पहुंचकर फसलों की स्थिति देखी। मटर, चना, मसूर की फसल में फंगस भी मिला है और अन्य कारणों का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में जांच कराने की सलाह दी है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि फसलों में फंगस में मिला है। साथ ही उगरा की समस्या है। जौ की फसल का सिर्फ ऊपरी हिस्सा सूखा है। प्रयोगशाला में जांच से ही पता चलेगा कि गैस का असर या फिर संतुलित रूप से पोषक तत्व न मिलने के कारण यह स्थिति बनी है। कृषि विभाग उप संचालक बीएस मालवीय ने बताया कि जबलपुर प्रयोगशाला में यह जांच 12 हजार रुपए में होती है, जिमसें पता चलेगा कि किस कारण से फसल खराब हुई है। यह जांच किसान को करानी पड़ेगी या फिर रिफाइनरी प्रबंधन कराए।
गैस का ही है असर
किसान सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि फसलें रिफाइनरी से निकलने वाली किसी गैस से ही खराब हुई हैं। करीब पांच साल पहले भी इस तरह की स्थिति बनी थी। किसी रोग से फसलें ऐसी नहीं होती हैं।
गिर रहीं पीली बूंदें
ग्रामीणों ने बताया कि हर दिन पीली बूंदें भी गिर रही हैं, जो कोई केमिकल हो सकता है। बूंदों के निशान वाहनों पर बने हुए हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। इसी प्रकार कोई केमिकल फसलों पर गिरा है, जिससे यह स्थिति बनी है।

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