सागर

दु:ख का अनुमान लगाने वालों सागर नहीं नदी बनो, सागर तो एक ही स्थान पर ठहरा रहता है : आचार्यश्री

मुनिश्री समय सागर महाराज की सागर में अगवानी आज

सागरFeb 07, 2019 / 08:09 pm

रेशु जैन

दु:ख का अनुमान लगाने वालों सागर नहीं नदी बनो, सागर तो एक ही स्थान पर ठहरा रहता है : आचार्यश्री

सागर. सागर तो सागर है और सागर में हमेशा ऐसा लगता है जैसे वह सागर से बाहर आ गया हो। मांगलिक और धार्मिक कार्यों में महोत्सव जैसा उल्लास आ जाता है और धार्मिक अनुष्ठान ऐसा है जो हमेशा ही हमें त्यौहार भी दिखाते रहते हैं। यह बात ने भाग्योदय तीर्थ में एक धर्मसभा के दौरान गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि सम्यक दृष्टि जीव अपने दुख को भूल कर दूसरों का दुख दूर करने के बारे में सोचता जाता है। सम्यक दृष्टि जीव हमेशा हमेशा को मुक्त हो जाता है। आप लोग दो प्रकार की घडिय़ों का अनुभव प्राप्त करते हैं दुख की घड़ी में अलग अनुभव होता है सुख की घड़ी में अलग लेकिन अपना दुख छोटा हो जाता है और दूसरों का दुख बड़ा हो जाता है। दुख का अनुमान लगाने वालों सागर नहीं नदी बनो। सागर तो एक ही स्थान पर ठहरा रहता है लेकिन नदी हमेशा बहती रहती है। मैं तो सागर से दूर रहना चाहता था फिर भी सागर आना पड़ता है। स्वयं की चिंता नहीं स्वयं का चिंतन करो।

आचार्य श्री ने कहा धर्म तो धर्म है धर्म के कारण ही उल्लास होता है जब रात होती है तो 12 घंटे पता नहीं चलता लेकिन सूर्योदय के साथ लगता है कि धर्म ही सब कुछ है उल्लास के समय आपको इस बात का अनुभव होता है। आप अभिव्यक्ति तो कर रहे हैं। सम्यक दृष्टि जीव हमेशा हमेशा भावना भाता है किसी को सुख और किसी को दुख होता रहता है सभी का दुख समाप्त हो जाए। ऐसा सम्यक दृष्टि सोचते रहते हैं।
आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन का अवसर मनीष जैन बुढार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर डॉ. वीसी जैन भोपाल, प्रकाश जैन ने आचार्य श्री को शास्त्र भेंट किए। आचार्यश्री के पडग़ाहन और आहार कराने का सौभाग्य वयोवृद्ध समाजसेवी श्री गुलाब चंद जैन पटना परिवार और उनके सपुत्र सुरेंद्र जैन,विनोद जैन, प्रमोद जैन को मिला। गौरझामर जैन पंचायत और दयोदय गौशाला समिति के सदस्यों ने आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया इस अवसर पर देश भर के अनेक स्थानों से श्रद्धालु सागर पहुंचे।

मुनिश्री समय सागर महाराज की सागर में अगवानी आज

आचार्यश्री के जेष्ठ शिष्य मुनिश्री समय सागर महाराज की ससंघ अगवानी भाग्योदय तीर्थ परिसर में सुबह 8 बजे होगी।
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया की मुनिसंघ पिछले कुछ दिनों से खुरई में विराजमान था। आचार्य श्री के दर्शनों की अभिलाषा के साथ मुनि संघ का बिहार खुरई से सागर की ओर हुआ था। गुरुवार को मुनि संघ का रात्रि विश्राम डीपीएस स्कूल में हो रहा है। शुक्रवार मुनिसंघ की अगवानी कृषि उपज मंडी गेट के सामने से शुरू होगी। मुनि संघ में कुल 14 मुनि महराज हैं।

Hindi News / Sagar / दु:ख का अनुमान लगाने वालों सागर नहीं नदी बनो, सागर तो एक ही स्थान पर ठहरा रहता है : आचार्यश्री

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.